राम मंदिर निर्माण को लेकर पूर्व में पाइलिंग का कार्य फेल होने के बाद इंजीनियरों के द्वारा निर्माण स्थल की खुदाई कर कार्य प्रारंभ किया गया लेकिन इस दौरान भी प्राकृतिक बाधाएं बनी रही बीन मौसम बरसात के कारण ग्राउंड इम्प्रुमेंट का कार्य भी प्रभावित रहा जिसको देखते हुए अब भगवान श्री गणेश जी का भव्य मंदिर निर्माण कराया जा रहा है। इसमें विराजमान होबे वाले गणपति की मूर्ति भी राम मंदिर के तरफ होगा। इस कार्य को विभिन्न पंडितों के द्वारा वास्तुशास्त्र के अनुसार किया जा रहा है। और आज अयोध्या के पूरब क्षेत्र में स्थित मुख्य मार्ग पर विघ्नविधाता गणेश भगवान की भव्य मंदिर का निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय व संत राजकुमार दास ने भूमि पूजन कर प्रारम्भ किया।
इस मंदिर का निर्माण कर रहे महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के मुताबिक प्राकृतिक बाधाओं का संबंध तभी होगा जब प्रथम पूज्य विघ्न विधाता गणपति का मंदिर बनेगा तभी नगरी का भी उद्धार होगा और समृद्धि आएगी वहीं बताया कि उनके पिता ज्योतिषविद पंडित लक्ष्मी दत्त उपाध्याय ने 1986 में ही गणपति मंदिर निर्माण के संकल्प लिया था लेकिन दुर्भाग्य से उनके जीवन काल में संकल्प को पूरा नहीं कर सके। जिसे अब मंदिर निर्माण के साथ प्रारम्भ किया गया है।
श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र ने बताया कि किसी भी शुभ कार्य के लिए भगवान गणेश की पूजा अति आवश्यक होता है क्यों किया भगवान श्री गणेश हर विघ्न बाधा को दूर करते हैं इसलिए अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के पहले भगवान श्री गणेश की भव्य मंदिर का निर्माण बहुत ही शुभ संयोग है इसके निर्माण के बाद अयोध्या के विकास लग्न शुरू होगा और भव्य श्री रामलला के मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या सुंदर और अलौकिक दिखाई देगी।