सुरक्षा समिति की बैठक में दर्शन की अवधि बढ़ाने पर हुई थी चर्चा बता दें कि रामलला के मंदिर निर्माण का काम शुरू होने के बाद अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। जिसका ताजा उदाहरण अयोध्या में बीते दिन हुआ कार्तिक मेला है, जहां पर एक दिन में ही 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किये थे। रामलला के दर्शन के लिए बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या की वजह से राम जन्मभूमि में डीजीपी मुकुल गोयल के नेतृत्व में सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में रामलला के दर्शन के समय अवधि को बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की गई थी। लेकिन इसके बाद भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दर्शन अवधि को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य नहीं है अवधि बढ़ाने के पक्ष में राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि रामलला और अयोध्या के लिए कई साजिशें की जा चुकी है और सुरक्षा कारणों से राम मंदिर ट्रस्ट विराजमान, रामलला श्रद्धालुओं और स्थानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। टस्ट्र के सदस्यों का स्पष्ट कहना है कि दर्शन दिन के समय ही संभव है। कनक भवन और हनुमानगढ़ी के तर्ज पर रामलला का दर्शन कतई संभव नहीं है।
ट्रस्ट के महासचिव ने सुरक्षा के कारणों का दिया हवाला ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सुरक्षा कारणों से यह संभव नहीं है। मात्र दिन के समय ही रामलला का दर्शन श्रद्धालुओं को हो सकता है। चंपत राय ने बीते दिनों हुए आतंकी घटना का हवाला देते हुए सुरक्षा कारणों से दर्शन अवधि को बढ़ाए जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि रामलला के दर्शन अवधि को बढ़ाना तो चाहिए, लेकिन 5 जुलाई 2005 के आतंकी हमले के बाद भी कई लोग पकड़े गए हैं। इसका विकल्प हमारे कोई नहीं है, इसकी पड़ताल कैसे हो, हमें सभी की कठिनाइयां समझनी होगी। उन्होंने कहा कि कोई खुराफाती दिमाग वाला जनता की भीड़ में दहशत पैदा करके 50-100 लोगों की जान ले लेगा और अपना गुस्सा ठंडा करने की कोशिश करेगा। ऐसे हालात में हम कोई सलाह नहीं दे सकते। चंपत राय ने कहा कि सबकी सुरक्षा ही आवश्यक है। उन्होंने कहा रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालु दिन में आए। जिससे श्रद्धालुओं के साथ ही अयोध्या की सुरक्षा में कोई फर्क न पड़े।