जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीरज निगम ने उपस्थित वृन्द को पौधरोपण कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस धरती की हरियाली हमें संजोना ही नहीं वरन अपनी शस्य श्यामला धरती को सजाना भी है। वर्तमान समय में प्रदूषण अपने अधिकतम स्तर तक पहुँच गया है। वायुमण्डल की हवा इतनी जहरीली हो गयी है कि वह अनेक प्रकार के रोगों की वाहक बन गयी है। इन सभी समस्याओं का एक ही समाधान है कि हम अपने आस-पास विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे रोपित करें, जिससे कि दिन-प्रतिदिन इस धरती की हरियाली में वृद्धि हो जिससे स्वतः ही प्रदूषण का दानव सिमट कर एक दिन समाप्त हो जाएगा। यदि हम में से प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष दस पौधे लगाने का और आजीवन उसकी देख-रेख का संकल्प ले तो निश्चित रूप से इस धरती की हरियाली को वापस लाने में हम समर्थ होंगे।
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Independence day : आस्था की नगरी अयोध्या में शान से लहराया तिरंगा मनाई गयी खुशियाँ नोडल अधिकारी सुरेश कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि धरती से वृक्षों की संख्या निरन्तर कम होती जा रही है और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है जिस खतरे को अधिकाधिक पौधरोपण से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आज जरूरत इस बात की है कि हम एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करते हुए न केवल खुद अधिकाधिक वृक्ष लगाये बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी पौधारोपण को लेकर जागरूक करें। प्रभारी वनाधिकारी मनोज कुमार खरे ने बताया कि वन विभाग ने वृक्षों को बचाने के लिए कड़े नियम बनाये है कानून के अर्न्तगत जनपद में कोई भी पेड़ बिना वन विभाग की एनओसी के नहीं काटा जा सकता है चाहे वह किसी की व्यक्तिगत जमीन क्यों न हो। यदि कोई व्यक्ति वन विभाग की सहमति से कोई पेड़ काटता भी है तो उसको एक की जगह दो पेड़ लगाने होंगे अन्यथा इन पेड़ों का शुल्क वन विभाग में जमा कराना होगा। बिना अनुमति के पेड़ काटने वालों के खिलाफ जुर्माना और जेल तक का प्राविधान है।