प्रमाण पत्र से सम्मानित कर रहा रामालय अभियान के तहत दान देने वालों को रामालय प्रमाण पत्र देकर सम्मानित कर रहा है। अभियान के लिए चार पेज का पम्पलेट तैयार किया गया है। पम्पलेट के मुख्य पेज पर योतिष पीठाधीश्वर और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तस्वीर पूजा की मुद्रा में बनी है।
तीर्थक्षेत्र न्यास को मिले जिम्मेदारी रामलाल विराजमान के लिए दूसरे संगठन द्वारा चंदा इकट्ठा करने पर ट्रस्ट के सदस्यों ने आपत्ति जताई है। ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि चंदा इकट्ठा करने की जिम्मेदारी उन्हें मिलनी चाहिए क्योंकि राम मंदिर को लेकर सामाजिक और न्यायिक जिम्मेदारी उऩकी बनती है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को राम मंदिर से जुड़े हर फैसले लेने का स्वतंत्र रुप से अधिकार शामिल है। वे सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं।
कोर्ट जाने की धमकी मंदिर के लिए चंदा इकठा करने पर घमासान मचा है। एक ओर ट्रस्ट के सदस्यों ने दूसरे संगठन द्वारा चंदा इकट्ठा करने पर नाराजगी जाहिर की है, तो दूसरी ओर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रामलला के लिए स्वर्ण दान को गलत नहीं माना है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि रामालय ट्रस्ट को जगतगुरु स्वरूपानंद जी ने ढाई दशक पहले अयोध्या एक्ट के तहत चारों वैष्णवाचार्य, चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़ा प्रमुख व अन्य संस्था प्रमुखों को मिलाकर एक किया था। उनका कहना है कि सरकार को नया ट्रस्ट गठित करने की बजाय इसे ही ट्रस्ट का अधिकार देना चाहिए था।
भक्तों के दान रहेंगे सुरक्षित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनिल मिश्र का कहना है कि न्यास अब चंदा नहीं ले रहा। मंदिर मॉडल के सामने बने दान पात्र में भक्तों के दान को सुरक्षित रखा जाएगा।
बैठक में तैयार होगा ट्रस्ट का खांका बुधवार को ट्रस्ट की बैठक में इसके स्वरूप का खांका तैयार होगा। बैठक में मंदिर निर्माण के लिए चलाए जाने वाले उपक्रमों पर भी चर्चा होगी।