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राम मंदिर के लिए स्वर्ण दान पर ट्रस्टी खफा, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट जाने की दी धमकी

locationअयोध्याPublished: Feb 17, 2020 03:10:30 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

-रामालय ट्रस्ट ने शुरू किया स्वर्णदान अभियान, ट्रस्टी खफा
-अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकारी ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी दी
-मंदिर निर्माण का खाका लेकर बुधवार को दिल्ली पहुंचेगे ट्रस्टी वासुदेवानंद सरस्वती

राम मंदिर के लिए स्वर्ण दान पर ट्रस्टी खफा, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट जाने की दी धमकी

राम मंदिर के लिए स्वर्ण दान पर ट्रस्टी खफा, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट जाने की दी धमकी

अयोध्या. राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir TRust) की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में आयोजित होगी। बैठक में राम मंदिर के लिए मांगे जाने वाले चंदे को लेकर फैसला किया जाएगा। दरअसल, वाराणसी में ज्योतिष्पीठाधीश्वर व द्वारका के शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई वाले रामालय न्यास के सचिव अविमुक्तेश्वरानंद नेस्वर्ण-संग्रह-सपर्या अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत हर गांव से कम से कम एक ग्राम सोना इकट्ठा किए जाने की योजना है। इस अभियान पर नवगठित ट्रस्ट के संयोजक ट्रस्टी व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि दूसरे व्यक्ति या संगठन मंदिर निर्माण के लिए चंदा नहीं ले सकते। बुधवार को दिल्ली में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में इस मामले पर फैसला किया जाएगा।
प्रमाण पत्र से सम्मानित कर रहा रामालय

अभियान के तहत दान देने वालों को रामालय प्रमाण पत्र देकर सम्मानित कर रहा है। अभियान के लिए चार पेज का पम्पलेट तैयार किया गया है। पम्पलेट के मुख्य पेज पर योतिष पीठाधीश्वर और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तस्वीर पूजा की मुद्रा में बनी है।
तीर्थक्षेत्र न्यास को मिले जिम्मेदारी

रामलाल विराजमान के लिए दूसरे संगठन द्वारा चंदा इकट्ठा करने पर ट्रस्ट के सदस्यों ने आपत्ति जताई है। ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि चंदा इकट्ठा करने की जिम्मेदारी उन्हें मिलनी चाहिए क्योंकि राम मंदिर को लेकर सामाजिक और न्यायिक जिम्मेदारी उऩकी बनती है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को राम मंदिर से जुड़े हर फैसले लेने का स्वतंत्र रुप से अधिकार शामिल है। वे सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं।
कोर्ट जाने की धमकी

मंदिर के लिए चंदा इकठा करने पर घमासान मचा है। एक ओर ट्रस्ट के सदस्यों ने दूसरे संगठन द्वारा चंदा इकट्ठा करने पर नाराजगी जाहिर की है, तो दूसरी ओर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रामलला के लिए स्वर्ण दान को गलत नहीं माना है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि रामालय ट्रस्ट को जगतगुरु स्वरूपानंद जी ने ढाई दशक पहले अयोध्या एक्ट के तहत चारों वैष्णवाचार्य, चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़ा प्रमुख व अन्य संस्था प्रमुखों को मिलाकर एक किया था। उनका कहना है कि सरकार को नया ट्रस्ट गठित करने की बजाय इसे ही ट्रस्ट का अधिकार देना चाहिए था।
भक्तों के दान रहेंगे सुरक्षित

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनिल मिश्र का कहना है कि न्यास अब चंदा नहीं ले रहा। मंदिर मॉडल के सामने बने दान पात्र में भक्तों के दान को सुरक्षित रखा जाएगा।
बैठक में तैयार होगा ट्रस्ट का खांका

बुधवार को ट्रस्ट की बैठक में इसके स्वरूप का खांका तैयार होगा। बैठक में मंदिर निर्माण के लिए चलाए जाने वाले उपक्रमों पर भी चर्चा होगी।

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