42 कोस के बाहर दी जाए जमीन विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेशजी (VHP Dinesh Ji) ने बयान देते हुए साफ किया है कि हमें अयोध्या की 42 कोस की सांस्कृतिक सीमा में मस्जिद के लिये जमीन देने का फैसला कतई मंजूर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार मुस्लिम पक्ष को इस सीमा के बाहर जमीन दे। उन्होंने दो टूक शब्दों मे कहा कि बाबर के नाम पर मस्जिद पूरे देश में कहीं भी स्वीकार नहीं की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ विहिप चाहती है कि सरकार उसका मॉडल, शिलाखंड और पूजित शिलाएं भी मंदिर के लिये स्वीकार कर ले। विहिप के इस बयान के बाद अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को दी जाने वाली जमीन को लेकर नई बहस छिड़ गई है, क्योंकि कई मुस्लिम पक्षकार पहले ही कर चुके हैं कि उन्हें अधिगृहित जमीन में से ही पांच एकड़ का टुकड़ा चाहिये।
ट्रस्ट का हिस्सा बनने की कोई इच्छा नहीं दिनेश जी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) का रास्ता साफ होने के साथ ही विहिप का मकसद भी पूरा हो गया है। अब हमारी एक ही जिद है कि राम मंदिर के लिए हमने जो पत्थर तराशे और जो मॉडल बनाया, उसका इस्तेमाल किया जाए। मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट बनाए जाने पर दिनेशजी ने कहा कि हमारी ट्रस्ट का हिस्सा बनने की कोई इच्छा नहीं है। सरकार हमें ट्रस्ट में शामिल करेगी तो हम अंदर से, वरना बाहर से भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि अब जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का निर्माण हो। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक रामलला का मंदिर नहीं बन जाता, उनके लिए कोई अस्थाई निर्माण करवाया जाए। जिससे रामभक्त उनका पूजन कर सकें।