संजय ने बताया नेशनल एसोसिएशन ऑफ विजुअली हैंडीकैप्ड संस्था के माध्यम से अयोध्या पहुंचें है। यह सभी महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से लोग आए हैं । इसमें बहुत से लोग नौकरी करते हैं और बहुत लोग घर में रहकर कुछ काम कर कर परिवार चलाते हैं। इससे पहले हम लोग 6 से 7 राज्यों में घूम चुके हैं और अपनी ब्लाइंड आंखों से पूरे देश को देखना चाहते हैं। इस बार अयोध्या के पावन धरती पर रामलला का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेने अयोध्या पहुंचे है। और आज इस पावन भूमि का दर्शन करके जीवन में कुछ खोया होगा उसे पाने की इच्छा है।
नेत्रहीन वसंतीग्रे ने बताया कि रामलला के दर्शन तो रोज होते ही हैं। मन ही मन में हमेशा भगवान के दर्शन हम लोग करते रहते हैं और भगवान श्री रामलला के जन्म स्थान पर पहुंच आशीर्वाद मिले इन्हीं इच्छाओं को लेकर हम सभी यह यात्रा लेकर अयोध्या पहुंचे हैं जब भी किसी मंदिर हम लोग जाते हैं। तो यही चाहते है कि हम तो भगवान को देख नही सकते लेकिन भगवान हमे देखेंगे तो उनका आशीर्वाद हमें प्राप्त होगा। वहीं बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भगवान श्री रामलला के मंदिर निर्माण की बात कहीं है इसलिए मंदिर के पहले रामलला को किस अवस्था में रहना पड़ा इसे महसूस करने आज अयोध्या की यात्रा में हम सभी आये हुए हैं।