scriptभव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का काम शुरू, 1200 खंभों के लिए बनेंगे 200 फीट गहरे गड्ढे | work of digging the foundation for construction Ram temple ayodhya | Patrika News

भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का काम शुरू, 1200 खंभों के लिए बनेंगे 200 फीट गहरे गड्ढे

locationअयोध्याPublished: Sep 08, 2020 03:40:38 pm

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक पहले चरण में सौ मीटर गहराई तक कुएं खोदने की तरह खुदाई होगी। इसके बाद फिर इसे दो सौ मीटर गहराई तक खोदा जाएगा।

भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का काम शुरू, 1200 खंभों के लिए बनेंगे 200 फीट गहरे गड्ढे

भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई का काम शुरू, 1200 खंभों के लिए बनेंगे 200 फीट गहरे गड्ढे

अयोध्या. रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई का काम मंगलवार सुबह से शुरू हो गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक पहले चरण में सौ मीटर गहराई तक कुएं खोदने की तरह खुदाई होगी। इसके बाद फिर इसे दो सौ मीटर गहराई तक खोदा जाएगा। आखिरी तल में खंभों का चौरस आधार भी बनेगा। ऐसी कुओं वाली खुदाई में काफी मजबूत और शक्ति में सदियों बेअसर रहने वाले खंभे बनाए जाएंगे, जिन पर श्री राम मंदिर बनकर खड़ा होगा। ऐसे 1200 खंभे बनाए जाएंगे। खुदाई के अलावा भी भूमि के भीतर रोबोट की तरह कई अन्य काम करने वाली मशीनें भी समय समय पर लाई जाती रहेंगी। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में गहराई तक खुदाई करने वाली भारी भरकम विशिष्ट और अत्याधुनिक कैसाग्ग्रैंड और अन्य मशीनें लाई जा चुकी हैं। लार्सन एंड टुब्रो के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम ने मशीनों को एसेंबल कर उनकी पूरी जांच की। इस काम के लिए कुछ और मशीनें जल्द ही अयोध्या पहुंच जाएंगी।
आपको बता दें कि भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा कल ही अयोध्या पहुंचे हैं। वह दो दिन तक निर्माण गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और न्यास के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उधर सीबीआरआई और आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञों की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर उसी डिजाइन से नींव तैयार हो रही है। ट्रस्ट की ओर से चेन्नई भेजी गयी गिट्टियों और मोरंग का परीक्षण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा कौन से स्टैंडर्ड की सीमेन्ट का प्रयोग किया जाएगा, इस बारे में भी विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। विशेषज्ञों की इसी रिपोर्ट के बाद एलएण्डटी मंदिर निर्माण की मुख्य तैयारी में जुट गया है। इस काम के लिए अलग-अलग एजेंसियों से श्रमिकों को भी हायर करने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

गुलाबी पत्थर मंगाना अब चुनौती

श्रीराम जन्मभूमि पर राममंदिर बनाने में अब एक नई चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। दरअसल पांच हजार साल तक बरकरार रहने वाले एकमात्र राजस्थान के बंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों की खदानों से पत्थर निकासी पर राजस्थान के भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। जबकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपये मूल्य के बेहतरीन क्षमता वाले 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर देने की तैयारी में था। नींव में सिर्फ बंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से 49.24 मीटर ऊंचा करीब ढाई एकड़ में एक लाख पांच हजार 147 वर्गफीट आकार के भूतल पर तीन मंजिला राममंदिर बनना है। देश में सदियों से जस की तस खड़ी तमाम इमारतें और किले इसी पत्थर से बने हैं। संसद भवन, लालकिला, बुलंद दरवाजा सहित अक्षरधाम और इस्कान के जैसे मंदिरों में बंशीपहाड़पुर का ही पत्थर लगा है।
ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक अभी यहां राजस्थान से करीब डेढ़ लाख घनफीट पत्थर आ चुका है, जिसमें सवा लाख घनफीट तराशा जा चुका है। एलएंडटी नींव निर्माण में जुट गई है, ऐसे में अब अगले चरण में सदियों तक अक्षुण्ण रहने वाले बंशीपहाड़पुर के उम्दा गुलाबी पत्थर को अयोध्या लाने की प्रक्रिया शून्य से शुरू करनी है। वहीं बंशीपहाड़पुर जिला प्रशासन का कहना है कि पिछले साल 28 करोड़ रुपये में रायल्टी का टेंडर हुआ था, सरकार का नियम है कि इससे अधिक धनराशि मिलेगी, तभी टेंडर होगा। अब बचे माह के औसत से कोई ठेकेदार आगे आए तो खदान शुरू हो सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो