अयोध्या में हनुमानगढ़ी की कुश्ती प्राचीन परंपरा राम की नगरी हनुमानगढ़ी में अखाड़े में कुश्ती की परंपरा रही है। आज भी नागा साधु अक्सर पहलवानी करते दिखाई दे रहे है। और यहाँ पर हर वर्ष बड़ी संख्या में नागा साधु अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा धर्म की रक्षा के लिए पहलवानी की शिक्षा दीक्षा लेते हैं। लेकिन अत्याधुनिक युग में प्राचीन मिट्टी की अखाड़े से अयोध्या के पहलवानों आगे बढ़ने का मौका नही मिल पा रहा था। और जब बाहर राष्ट्रीय स्तर के अखाड़ों में पहुंचते हैं तो वहां पर पहलवानों को सुविधा होती थी उनको तैयारी के लिए भी पर्याप्त रियाज और सामान उपलब्ध नहीं थी। इसलिए अब 5 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक अखाड़ा बनाया जाएगा। जिसमें अयोध्या के ही नहीं बल्कि आसपास क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को अपनी हुनर को निखारने का मौका मिलेगा।
अयोध्या के हनुमानगढ़ी पर है राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैसरगंज के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हनुमानगढ़ी का सबसे प्राचीन अखाड़ा जहां से देश के नामचीन पहलवान हुए हैं हनुमानगढ़ी पर पहचान ही पहलवानी है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हनुमानगढ़ी पर हुए हैं वहीँ कहा कि जिंदल इंडस्ट्रियल है जिनका खेल से लगाव है उन्होंने खेल के लिए कई काम किए है। हनुमानगढ़ी के अखाड़े को पार्थ जिंदल ने निर्णय लिया कि उसे ठीक करवाएंगे उनके प्रधान आर्किटेक्ट आज अखाड़े का निरीक्षण करने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन अखाड़े को मजबूती प्रदान किया जाएगा लेकिन इसके स्वरूप की रक्षा की जाएगी अखाड़े के ऊपर हाल बनाया जाएगा जिसमें कुश्ती का अत्याधुनिक मैट होगा और एक आधुनिक जिम होगा रुकने और बैठने की व्यवस्थाएं होंगी नीचे एक गेस्ट हाउस खिलाड़ियों के लिए बनाया जाएगा 3 कमरे और बनाए जाएंगे। इसके साथ ही एक ओपन जिंम बनाई जाएगी।
अयोध्या के अखाड़े पर ट्रेनिंग दे रहे कोच हनुमानगढ़ी के पुजारी व पंचायती अखाड़ा के सदस्य राजू दास ने कहा कि हमारी प्राचीन खेल कुश्ती है। जिसके माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। हमारे यहां नेशनल और इंटरनेशनल पहलवान है। और आज भी स्टेट स्तर के 100 पहलवान यहां मौजूद हैं। जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मांग की गई थी। एक वर्ष कोच के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। और अब ऐसे आधुनिक स्तर पर बनाये की तैयारी की जा रही है।