बता दें कि जिले में संचालित 20 अनुदानित मदरसों में लगभग 400 शिक्षक कार्यरत हैं जिनके अंक पत्रों की जांच शासन स्तर से नामित दूसरे जिलों के अधिकारी करेंगे। जबकि आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 263 मदरसों के 715 शिक्षकों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। डीएम राजेश कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। कमेटी के तीनों सदस्यों को आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 267 मदरसों के 89-89 शिक्षकों के अंकपत्रों के जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
दो चरणों में जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के लिए डीएम की संस्तुति के बाद निदेशालय अल्पसंख्यक विभाग को भेज दिया जाएगा। वर्तमान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अवैध मदरसों के खिलाफ विगत दिनों अभियान चलाया था जिसमें 687 में लगभग आधे 304 मदरसे मानक के खिलाफ पाए गए थे। उन्हें बंद कराया गया था। अब देखना है कि अब कितने फर्जी शिक्षक पकड़े जाते हैं। मदरसा शिक्षकों के अंकपत्रों और अन्य मूल अभिलेखों की जांच दो चरणों में की जाएगी। प्रथम चरण में मूल अंकपत्रों का मिलान किया जाएगा, जिसमें अंकपत्र और अन्य प्रमाण पत्र, जो ऑनलाइन होंगे और दूसरे अभिलेखों की मैनुअल जांच की जाएगी।
द्वितीय चरण में संबंधित प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अंकपत्रों को सत्यापन के लिए बोर्ड और विश्वविद्यालय को भेज दिया जाएगा। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद संबंधित जांच आख्या डीएम को प्रेषित कर दी जाएगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसएन सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर डीएम के निर्देश पर सीडीओ की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी गई है। अनुदानित मदरसों के शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच शासन स्तर से नामित अधिकारी करेंगे। आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित मदरसों के शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच कमेटी ने शुरू कर दी है।