स्थानीय लोगों का आरोप है कि अतरौलिया नगर पंचायत में पिछले एक सप्ताह से दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही है। जब लोेग बीमार हुए तो सीएचसी के एचईओ ने क्षेत्र में लोगों से मामले की जानकारी ली और क्लोरीन के साथ ओआरएस का पैकेट देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली। पानी की जांच कैसे होगी, दूषित पानी की आपूर्ति का जिम्मेदार कौन है, इन सब बातों को दरकिनार कर दिया गया।
दूषित पानी का दुष्प्रभाव खासतौर से 18 साल से कम उम्र के लोगों पर ज्यादा है। पहले तो लोग समझ नहीं पाए कि आखिर लोग क्यों बीमार हो रहे हैं। जब पानी पर गौर किया तो पता चला कि दूषित है। किसी बर्तन में रखकर देखने के बाद उसमें पीले व काले रंग के कुछ कीड़े दिखने लगे। इसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस मामले में अधिशासी अधिकारी संपूर्णानंद तिवारी का कहना है कि शायद पानी में ब्लीचिंग नहीं पड़ा है।
उप जिलाधिकारी बूढ़नपुर का कहना है कि मामले की जांच करायी जा रही है। इसके लिए जो भी दोषी भी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी महेंद्र कुमार ने कस्बे में क्लोरीन, ओआरएस का वितरण का वितरण जरूर कराया लेकिन बीमार लोगों की कोई मदद नहीं की। सब मिलाकर हालात बेकाबू नजर आया। लोगों में नगर पंचायत और स्वास्थ्य विभाग को लेकर भारी गुस्सा दिख रहा है।
BY Ran vijay singh