प्रभारी उप कृषि निदेशक डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया है कि फसल अवशेष जलाये जाने का दूष्प्रभाव वायु प्रदूषण के रूप में धूप-कोहरा (स्मॉग) की मात्रा में वृद्धि होना है, जिससे न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है बल्कि कतिपय स्थानों पर अग्निकाण्ड जैसी भयानक घटनाएं भी घटित हो रही है। प्रदेश में पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बाद भी जनपद आजमगढ में फसल अवशेष/पराली जलाने की कुल 55 घटनाये प्रकाश मे आयी है। प्राप्त सूचना के आधार पर सत्यापन कराते हुए एनजीटी द्वारा निर्धारित प्राविधानों के अनुसार कुल 50 कृषको के विरूद्ध प्राथिमिकी दर्ज कराते हुए 36 कृषको से अर्थदण्ड की वसूली कर ली गयी है। शेष के विरूद्ध कार्यवाही जारी है।
उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को फसल अवशेष जलाये जाने के आरोप में राजाराम, श्याम नरायण, देवनारायण, शिव नारायण पुत्रगण विपत ग्राम सरावॉ एवं 6 अन्य के विरूद्ध थाना बरदह, जगदीश सिंह पुत्र राम किशुन, रमाकान्त पुत्र दीनानाथ, रणधीर पुत्र सत्य नारायण, जयंत पुत्र वंश बहादुर निवासीगण ओझैली के विरूद्ध थाना मुबारकपुर एवं इलियास पुत्र अलीजंग, सर्फुद्दीन पुत्र गुलाम, मुहम्मद अजमल पुत्र गुलाम हुसैन, मुबारक अली, मुहम्मद हनीफ, किस्मतुलनिशा पुत्रगण कासिम सहरूननिशा पत्नी मुहम्मद सिद्दीक के विरूद्ध थाना देवगॉव तथा कन्तू पुत्र सुधिराम, निहुरी पुत्र ठन्नू, महेश पुत्र रघुबर के विरूद्ध थाना जहानागज एवं जगदीश पुत्र रामकिशुन, रमाकान्त पुत्र दीनानाथ, रणधीर पुत्र सत्यनारायन, जयन्त पुत्र वंश बहादुर के विरूद्ध थाना मुबारकपुर, सुल्तान पुत्र मुर्तजा, सउद पुत्र फखरूल ग्राम कोटिला के विरूद्ध थाना रानी की सराय में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। इनक कृषकों से नियमानुसार क्षेत्रफल के आधार पर अर्थदण्ड की वसूली भी की जायेगी।
BY Ran vijay singh