बता दें कि गांवों में आवासी भूमि को लेकर अक्सर विवाद होते हैं। कारण कि आबादी किसी के नाम पर दर्ज नहीं होती है। ऐसी स्थिति में अक्सर जिसकी लाठी उसकी भैंस की कहावत चरितार्थ होती है। जो मजबूत होता है आसानी से कब्जा कर लेता है। इससे भूमि विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए पिछले दिनों सरकार ने मकान का स्वातित्व प्रमाण पत्र देने का फैसला किया था। इसके तहत गांवों में सर्वे कराए गए।
सर्वे में आबादी क्षेत्र का ड्रोन कैमरे से हवाई सर्वेक्षण कराकर उसके आधार पर ग्रामीण आवासी अभिलेख तैयार किए जा रहे है। राजस्व परिषद की ओर से जारी निर्देश के बाद दूसरे चरण में चार तहसील सदर, निजामाबाद, बूढ़नपुर और मेंहनगर के 91 गांवों का चयन किया गया है। चयनित ग्रामीणों के दावा-आपत्तियों के निस्तारण की प्रकिया चल रहा है। दावा-आपत्तियों के निस्तारण के बाद 5437 ग्रामवासियों में स्वामित्व प्रमाण पत्र का वितरण किया जाएगा। पहले चरण में 77 गांवों के 5327 लोगों को स्वामित्व प्रमाण पत्र का वितरण किया जा चुका है। माना जा रहा है कि दूसरे चरण का स्वामित्व प्रमाण पत्र 15 अगस्त को वितरित होगा। इसके लिए प्रशासन युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा है।
BY Ran vijay singh