आईपी सिंह ने कहा कि देश व प्रदेश की सरकारें संवेदनहीन हो गयी है। इन लोगों ने चुनाव कराकर लोगों को मौत के कूंए में ढकेलने का कार्य किया। कोरोना की दूसरी तीव्र लहर को देखते हुए चुनाव को रोका जा सकता था लेकिन चुनाव होने के कारण तमाम लोगों की मृत्यु हुई है, जिसकी भरपाई उनके परिवार में नहीं हो पायेगी। अब भाजपा सरकार शिक्षकों की मौत को लेकर झूठे आंकड़े पेश कर रही है। चुनाव के दौरान काम करते हुए केवल आजमगढ़ में 60 शिक्षकों की मौत हुई है।
जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि सरकार के नकारात्मक रवैये से कोरोना महामारी से तमाम मौतें हुई। सरकार को वैज्ञानिकों ने बीमारी की तीव्रता के बारे में पत्र लिखकर आगाह किया था लेकिन उस पर सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की। वैक्सीन, बेड, आक्सीजन, अस्पताल व रेमिडिसिवर इन्जेक्शन की कमी के कारण लोग मौत के शिकार हुए। सरकार हर मोर्चें पर विफल साबित हुई है।
इस दौरान सपा राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिहं व जिलाध्यक्ष हवलदार यादव मृतक जयकुमार सिंह व लतल सुल्ताना के घर जाकर उनके परिवार से मिलकर शोक व्यक्त किया। परिजनों को बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐसे अधिकारियों, अध्यापकों व कर्मचारियों के परिवारीजनों में एक को नौकरी व 1 करोड़ रूपये आर्थिक सहायता देने की मांग की है जिसकी चुनाव ड्यूटी में मौत हुई है।
BY Ran vijay singh