scriptअखिलेश यादव की सीट पर 70 साल की वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा, बीजेपी के निरहुआ से है मुकाबला | 70 Year Record Voting on Akhilesh Yadav Azamgarh Lok Sabha Seat | Patrika News

अखिलेश यादव की सीट पर 70 साल की वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा, बीजेपी के निरहुआ से है मुकाबला

locationआजमगढ़Published: May 15, 2019 11:16:32 am

टूटा 70 साल का रिकार्ड, आजमगढ़ में हुई 57.55 प्रतिशत वोटिंग
वर्ष 1977 में सर्वाधित 57.22 प्रतिशत हुआ था मतदान
वर्ष 2014 के मुकाबले 1.10 प्रति अधिक हुआ इस बार मतदान

Akhilesh Yadav Nirahua

अखिलेश यादव निरहुआ

रणविजय सिंह

आजमगढ़. सत्ता और विपक्ष के लिए नाक का सवाल बनी आजमगढ़ संसदीय सीट पर मतदाता भी अपनी पार्टी के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े रहे हैं। यही वजह है कि आजमगढ़ संसदीय सीट पर आजादी के बाद पहली बार सर्वाधिक 57.55 फीसदी मतदान हुआ है। यह पिछले चुनाव से 1.10 प्रतिशत ज्यादा है। इसके पूर्व वर्ष 1977 के चुनाव में सर्वाधिक 57.22 प्रतिशत मतदान हुआ है।
बता दें कि आजमगढ़ की दो सीटों के लिए रविवार को मतदान हुआ था। आयोग के अनुसार 17,85,624 मतदाताओं में 10,24,841 ने वोटिग की। इसमें 9,69,949 पुरुष मतदाताओं ने 5,23,755 ने वोटिग किया। जबकि 8,15,606 मतदाताओं में सिर्फ 5,01,086 मतदान केंद्र तक पहुंची। मुबारकपुर विधानसभा में सर्वाधिक 60.11 फीसद मतदान हुआ जबकि 58.27 फीसद वोटिग के साथ आजमगढ़ सदर विधानसभा दूसरे स्थान पर रहा। सगड़ी विधानसभा क्षेत्र में 57.62 फीसद, गोपालपुर में 57.43 फीसद और मेंहनगर सुरक्षित में 54.05 फीसद मतदाताओं ने वोट दिए।
पूर्व में हुए चुनावों की स्थिति पर गौर करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी आजमगढ़ सीट पर 56.88 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इसी तरह वर्ष 2009 में सिर्फ 44.64 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था। 2004 में आजमगढ़ संसदीय सीट पर 49.93 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वर्ष 1998 के चुनाव में 55.25 लोगों ने वोट डाले थे तो वर्ष 1999 में भी मतदान प्रतिशत की स्थिति कुछ ऐसी ही रही। 1989 में मतदान प्रतिशत घटा और आजमगढ़ में 48.24 लोगों ने ही मतदान किया था। वर्ष 1991 की रामलहर में भी जिले की दोनों सीटों पर मतदान 50 प्रतिशत के अंदर ही रहा। 1996 के चुनाव में भी 1991 जैसी ही स्थिति देखने को मिली।
1984 में यहां 55.92 प्रतिशत मतदान हुआ था। 1980 में आजमगढ़ सीट पर 54.61 फीसदी लोग ही मतदान में हिस्सा लिए थे। वर्ष 1977 में पहली बार मतदाताओं में उत्साह दिखा था और 57.22 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। वर्ष 1971 में वोटिंग प्रतिशत घटा, आजमगढ़ सीट पर केवल 45.56 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। इसके पूर्व वर्ष 1967 में 50.59 प्रतिशत, 1962 में 50.27 तथा 1957 में 41.39 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वर्ष 1952 में देश में हुए पहले चुनाव में सिर्फ 36.51 प्रतिशत लोग वोट डालने के लिए घर से बाहर निकले थे।
इस बार हुए भारी मतदान के पीछे प्रमुख कारण भाजपा और गठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। कारण कि दोनों पक्ष इसे प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं। वोट प्रतिशत बढ़ने का प्रमुख कारण सवर्ण मतदाताओं का घर से बाहर निकलना माना जाता है। यहीं परिणाम को लेकर संसय भी पैदा कर रहा है।
विधानसभा क्षेत्रवार पुरुष व महिला वोटिग

गोपालपुर विधानसभा में कुल मतदाता 3,40,209 थे। मत पोल हुआ 1,95,388। 1,86,806 पुरुष मतदाताओं में 99,693 तथा 1,53,396 महिला मतदाताओं में 95,695 ने मतदान किया।

सगड़ी विधानसभा में 3,29,004 मतदाता थे जिसमें 1,89,576 मत पोल हुए। यहां 1,79,718 पुरुष मतदाताओं में 95,989 तथा 1,49,282 महिला मतदाताओं में 93,587 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मुबारकपुर विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 3,36,429 थी जिसमें 2,02,212 ने मताधिकार को प्रयोग किया। 1,81,506 पुरुष मतदाताओं में 1,05,301 तथा 1,54,896 महिला मतदाताओं में 96,911 मतदाताओं ने वोट डाला।

आजमगढ़ विधानसभा के कुल 3,81,517 मतदाताओं में 2,22,301 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 2,06,463 पुरुष मतदाताओं में 1,16,800 तथा 1,75,042 महिला मतदाताओं में 1,05,501 ने बूथ तक पहुंच कर वोट डाला।
मेंहनगर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के 3,98,465 मतदाताओं में 2,15,364 ने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां 2,15,456 पुरुष मतदाताओं में 1,05,972 तथा 1,82,990 महिला मतदाताओं में 1,09,392 ने मतदान किया।

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