बता दें कि वर्ष 2019 के चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए थे। विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश द्वारा त्यागपत्र देने के कारण चुनाव कराया जा रहा है। उपचुनाव में 13 प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन सीधी लड़ाई बीजेेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ, सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और बसपा प्रत्याशी शाह आलम के बीच मानी जा रही है। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न हुआ।
मतदान को संपन्न कराने के लिए 1149 मतदान केंद्र तथा 2176 बूथ बनाए गए थे। इसके लिए 8704 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गयी थी। उपचुनाव में 1838930 मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करना था। इसमें 970935 पुरुष तथा 867968 महिला मतदाता थी। माना जा रहा था कि जिले में मतदान 50 प्रतिशत से अधिक होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिले में मात्र 861,136 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यानी की जिले में 46.84 प्रतिशत लोगों ने ही मताधिकार का प्रयोग किया।
सुरक्षा व्यवस्था पर गौर करें तो सभी केंद्रों पर पैरा मिलिट्री तैनात थी। चुनाव में 7000 सिविल पुलिस, 7000 पैरा मिलिट्री के जवान, 6 हजार होमगार्ड, 2200 अन्य फोर्स के जवानों को तैनात किए गए थे। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल भी मुस्तैद नजर आए। सुबह जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने सरफुद्दीनपुर पोलिंग बूथ का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। दूसरी ओर चुनाव के पूर्व सपा की ओर से आजमगढ़ में कार्यकर्ताओं को प्रशासन द्वारा परेशान किए जाने का भी आरोप लगाते हुए आयोग को शिकायती पत्र भेजा गया है।
प्राथमिक विद्यालय बासगांव के बूथ संख्य 299 पर ईवीएम में आई तकनीकी गड़बड़ी से आधा घंटे तक मतदान रूका रहा। इस मशीन में 37 वोट पड़े थे। सुबह मतदान अपने निर्धारित समय पर मतदान शुरू हुआ। 9.05 बजे अचानक ईवीएम में खराब हो गई। जिसके कारण मतदान बाधित हो गया। पीठासीन अधिकारी आलोक राय ने इसकी सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दी। नई ईवीएम मशीन आने के बाद 9.35 पर मतदान चालू हुआ। ईवीएम खराब होने पर मतदाता काफी मासूय दिखे और आधा घंटे तक वह बैठे रहे। जिले के 45 बूथों पर माकपोल के दौरान कुछ दिक्कत होने की वजह से वहां पर लगभग आधा घंटे देर से मतदान शुरू हो सका। इसकी वजह से सुबह 7.30 बजे तक ही पूरी तरह से मतदान शुरू हो सका। वहीं विशेषज्ञ भी लगातार शिकायत मिलने के बाद ईवीएम को ठीक करते नजर आए।