मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि अनटाईड फण्ड की जो धनराशि ग्राम निधियों में अवशेष हैं, उसका सदुपयोग करना सुनिश्चित किया जाए और जहां इस धनराशि का उपयोग नहीं किया गया हो या खाते अभी तक नहीं खोले गए हों वहां गहनता से जांच करा लें। यदि एएनएम या ग्राम प्रधान के स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो सम्बन्धित के विरूद्ध अविलम्ब कठोर कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य से सम्बन्धित राष्ट्रीय कार्यक्रमों का लाभ समाज के जरूरतमंद ग़रीब तबके तक पहुंचना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अपर निदेशक को जनपदों में होने वाली ज़िला स्वास्थ्य समिति की बैठक में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने का निर्देश देते हुए कहा कि उक्त बैठकों में कुष्ठ रोग निवारण, अंधता निवारण सहित अन्य संवेदनशील बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करें। मण्डलायुक्त ने दुर्लभ रक्त समूहों के रक्त अधिकाधिक संग्रहित करने के निर्देश दिए और सरकारी अस्पतालों में 400 दवाओं के सापेक्ष मात्र 156 दवाओं की उपलब्धता पर गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि तत्काल इसका विश्लेषण कर दो दिन के अन्दर विवरण तथा अनुलब्ध दवाओं के क्रय में की गई कार्यवाही का भी विवरण उपलब्ध कराएं। उन्होंने बलिया जनपद में आर्सेनिक प्रभावित तीन सौ गांवों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता हेतु स्थापित 310 आर्सेनिक प्लाण्ट का सत्यापन करने का निर्देश दिया और मऊ जनपद के फ्लोराइड प्रभावित 21 गांवों में पाईप लाईन वाटर सप्लाई की व्यवस्था शीघ्र करने का निर्देश दिया। आर्सेनिक एवं फ्लोराईड प्रभावित क्षेत्रों में कैंसर, किड्नी आदि की जानलेवा बीमारियों से प्रभावित लोगों की तत्काल मैपिंग कराने, टीबी एवं एचआईवी की शतप्रतिशत जांच कराने का निर्देश सीएमओ को दिया। बैठक में मातृ-शिशु मृत्यु दर, एम्बुलेंस उपलब्धता, चिकित्सकों की उपलब्धता, नियमित टीकाकरण, मिजिल्स टीकाकरण, एण्टी रैबीज़ इंजेक्शन की उपलब्धता आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो जनपद के कई कर्मचारी भी लापरवाह रवैये के कारण मण्डलायुक्त के राडार पर हैं, जिनपर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त हरिश्चन्द्र वर्मा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.एनएल यादव, उप निदेशक पंचायत जयदीप त्रिपाठी, सीएमओ आज़मगढ़ एवं बलिया, सिफ्सा के मण्डलीय कोआर्डिनेटर अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम आदि उपस्थित थे।