आजमगढ़ की अहरौला सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी, पहले सपा के कब्जे में थी सीट
आजमगढ़Published: Mar 01, 2018 02:17:44 am
आजमगढ़ के अहरौला प्रमुख का उपचुनाव, नौ मार्च को डाले जाएंगे वोट।
बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव के चलते गयी थी सपा की कुर्सी।
आजमगढ़. यूपी के आजमगढ़ में एक बार फिर चुनावी सियासत चरम पर है। यहां इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान बुधवार को कर दिया गया। यहां आने वाले नौ मार्च को चुनाव कराया जाएगा। यह सीट समाजवादी पार्टी के पास थी। अब इस सीट को दोबारा अपने पाले में करने के लिये सपा ने पूरा जोर लगाया हुआ है। उधर दूसरी ओर बीजेपी के बाहुबली पूर्व सांसद रमाकांत यादव की ओर से गोटियां सेट की गयी हैं। यह सीट रमाकांत यादव के विधायक बेटे अरुण कांत यादव के कार्यक्षेत्र में आती है।
अहरौला ब्लॉक प्रमुख सीट समाजवादी पार्टी के लिये नाक की लड़ाई इसलिये भी है कि यह सपा का गढ़ था। समाजवादी पार्टी इस सीट पर 20 साल से कब्जा जमाए बैठी थी। बसपा सरकार में इस सीट से सपा का कब्जा नहीं हटा। यूपी में 2014 में बीजेपी सरकार आने के बाद ही प्रमुख की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा। बीजेपी के पूर्व सांसद बाहुबली रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र फूलपुर में पड़ने वाली इस ब्लॉक प्रमुख सीट पर अपने करीबी के जरिये अविश्वास प्रस्ताव लाकर कुर्सी सपा के हाथों से आजाद कर दी।
अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बावजूद तकनीकी कारणों से इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं हो सकी। बुधवार को जिला निर्वाचन अधिकारी जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह ने उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। सात मार्च को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक नामांकन किया जाएगा और उसी दिन नामांकन पत्रों की जांच भी कर ली जाएगी। आठ मार्च को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक नाम वापस लिया जा सकेगा। नौ मार्च को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे। वोटिंग के तुरन्त बाद गिनती होगी और उसी दिन परिणाम भी आ जाएगा। जिलाधिकारी जिला मुख्यालय से परिणाम घोषित करेंगे।
बता दें कि यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह तीसरी ब्लॉक प्रमुख की सीट होगी जिसपर उपचुनाव कराया जाएगा। भाजपा सरकार आने के बाद जहां हरैया और अहरौला सीट पर अविशवास प्रस्ताव लाया गया वहीं मार्टिनगंज के निर्दलीय ब्लॉक प्रमुख सौरभ सिंह की दुर्घटना में मौत के बाद यह सीट खाली हुई। मार्टिनगंज और हरैया में उपचुनाव हआ तो यहां बीजेपी ने बाजी मार ली। अब हरैया सीट की बारी है जो सपा के लिये नाक का सवाल भी है। हालांकि बताया जा रहा है कि अरुणकांत यादव और बीजेपी ने इसके लिये ऐसे समीकरण सेट किये हैं कि सपा के लिये अपनी साख बचा पाना आसान नहीं होगा।
by Ran Vijay Singh