बता दें कि एयरक्राफ्ट टू-सीटर प्रशिक्षु विमान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से अपने नियमित प्रशिक्षण उड़ान के लिए निकला था। एयरक्राफ्ट पर एक ही पायलट सवार था। मौसम खराब होने के बाद अनियंत्रित होकर गिर कर मलबे में तब्दील हो गया। एयरक्राफ्ट हरियाणा प्रांत के पलवल जिले के रहने वाले 24 वर्षीय पायलट कोणार्क शरन उड़ा रहे थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक मौसम खराब था और एयरक्राफ्ट अनियंत्रित होकर तेजी से जमीन की तरफ बढ़ रहा था लेकिन ऐसा लगा कि जैसे पायलट ने उसे आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की और जब उसे लगा कि वह कंट्रोल नहीं कर सकता तो छलांग लगा दी। जमीन से टकराने के बाद एयरक्राफ्ट के टुकड़े-टुकड़े हो गया।
दुघर्टन की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे जिले के अधिकारियों ने लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर प्रशासन से बात की तो बताया गया कि मृतक ट्रेनी पायलट था। प्रशिक्षण विमान रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकाडमी से उड़ान भरा था। रायबरेली से वाराणसी हवाई क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद आजमगढ़ से मऊ होते हुए पुनः रायबरेली एयरपोर्ट की ओर लौट रहा था कि उसी दौरान दुर्घटना हो गई।
विमान वाराणसी एयरस्पेस में आया, लेकिन एयरपोर्ट पर उतरा नहीं था लिहाजा विमान को वाराणसी एटीसी (एयर ट्रैफकि कंट्रोल) द्वारा ही हैंडल किया जा रहा था। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान अधिक ऊंचाई पर नहीं उड़ता है। ट्रेनी पायलट कोणार्क शरण अब तक 125 घंटे की उड़ान भर चुका था। अमेठी से आज सुबह 10 बजकर 20 पर विमान ने उड़ान भरी थी। कैम्पस में हादसे से लोग सदमे में है।
BY Ran vijay singh