script

एअरक्राफ्ट क्रैश: 21 साल के कोर्णाक शरन 125 किमी की उड़ान कर चुके थे पूरी

locationआजमगढ़Published: Sep 21, 2020 05:40:38 pm

मृत पायलट की जेब से मिला आइजीआरयूए-1082 क्रमांक के स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस
एअरकाफ्ट कै्रश होने से पहले छलांग लगा दी थी पायलट ने फिर भी नहीं बची जान
आज सुबह अमेठी से भरी थी उड़ान, रिहायशी इलाके को बचाने की पूरी कोशिश

azamgarh news

एअरक्राफ्ट क्रैश में मृत पायलट का फाइल फोटो

आजमगढ़. जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के कुशहा, फरीदुनपुर क्षेत्र में सोमवार को एअरक्राफ्ट क्रैश में जान गवांने वाले ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन 125 किमी की उड़ान पूरी कर चुके थे। आज सुबह उन्होंने 10 बजे अमेठी से उड़ान भरी थी और मऊ होते हुए उन्हें रायबरेली लौटना था। मृत पायलट की जेब से आइजीआरयूए-1082 क्रमांक के स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस भी बरामद हुआ। ग्रामीणों की मानें तो खराब मौसम के कारण एयरक्राफ्ट से नियंत्रण खोने के बाद पायलट ने पूरी कोशिश की कि एयरक्राफ्ट आबादी क्षेत्र में न गिरे और जब सिवान में एयरक्राफ्ट गिरने लगा तो वह कूद गया। एयरक्राफ्ट से कूदने के बाद भी पायलट जान नहीं बता पाया।

 

बता दें कि एयरक्राफ्ट टू-सीटर प्रशिक्षु विमान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से अपने नियमित प्रशिक्षण उड़ान के लिए निकला था। एयरक्राफ्ट पर एक ही पायलट सवार था। मौसम खराब होने के बाद अनियंत्रित होकर गिर कर मलबे में तब्दील हो गया। एयरक्राफ्ट हरियाणा प्रांत के पलवल जिले के रहने वाले 24 वर्षीय पायलट कोणार्क शरन उड़ा रहे थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई।

 

//?feature=oembed

 

स्थानीय लोगों के मुताबिक मौसम खराब था और एयरक्राफ्ट अनियंत्रित होकर तेजी से जमीन की तरफ बढ़ रहा था लेकिन ऐसा लगा कि जैसे पायलट ने उसे आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की और जब उसे लगा कि वह कंट्रोल नहीं कर सकता तो छलांग लगा दी। जमीन से टकराने के बाद एयरक्राफ्ट के टुकड़े-टुकड़े हो गया।


दुघर्टन की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे जिले के अधिकारियों ने लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर प्रशासन से बात की तो बताया गया कि मृतक ट्रेनी पायलट था। प्रशिक्षण विमान रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकाडमी से उड़ान भरा था। रायबरेली से वाराणसी हवाई क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद आजमगढ़ से मऊ होते हुए पुनः रायबरेली एयरपोर्ट की ओर लौट रहा था कि उसी दौरान दुर्घटना हो गई।

 

विमान वाराणसी एयरस्पेस में आया, लेकिन एयरपोर्ट पर उतरा नहीं था लिहाजा विमान को वाराणसी एटीसी (एयर ट्रैफकि कंट्रोल) द्वारा ही हैंडल किया जा रहा था। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान अधिक ऊंचाई पर नहीं उड़ता है। ट्रेनी पायलट कोणार्क शरण अब तक 125 घंटे की उड़ान भर चुका था। अमेठी से आज सुबह 10 बजकर 20 पर विमान ने उड़ान भरी थी। कैम्पस में हादसे से लोग सदमे में है।

BY Ran vijay singh

//?feature=oembed

ट्रेंडिंग वीडियो