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‘काम बोलता है’ का नारा देने वाले अखिलेश का खुद का रिपोर्ट कार्ड जीरो

locationआजमगढ़Published: Mar 03, 2020 05:48:56 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

सांसद निधि में पड़े हैं करोड़ों रुपये लेकिन आज तक नहीं किया कोई काम

Akhilesh Yadav

काम के नाम पर अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में अब तक एक सोलर लाइट और एक हैंडपंप दिया है

पत्रिका एक्सक्लूसिव
रणविजय सिंह
आजमगढ़. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अगला चुनाव ‘काम बोलता है’ के नारे पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अखिलेश का मानना है कि केजरीवाल के फॉर्मूले को अपनाकर उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता में वापसी की जा सकती है। भले ही सपाई अखिलेश सरकार में किये गये कामों का ढिंढोरा पीटते हों, लेकिन उनकी संसदीय सीट के लोग निराश हैं। अखिलेश को आजमगढ़ का सांसद चुने गये 10 माह बीत चुके हैं। इन 300 दिनों में अखिलेश यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र को महज 24 घंटे 35 मिनट ही दिये। इस दौरान उन्होंने यहां विकास की एक ईंट भी नहीं रखी। सांसद निधि का पूरा पैसा सुरक्षित पड़ा है। काम के नाम पर अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में अब तक एक सोलर लाइट और एक हैंडपंप दिया है।
मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही सपाई यह दावा करते रहे हैं कि आजमगढ़ के विकास की हर ईंट पर समाजवादी पार्टी का नाम लिखा है। यह दावा आज भी किया जाता है। अखिलेश यादव ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव ‘काम बोलता है’ के नारे के साथ लड़ा था। उस समय पूरे यूपी में बीजेपी की लहर थी। भाजपा ने पूर्वांचल में सपा-बसपा को बुरी तरह पराजित किया और 325 सीट जीतने में सफल रही थी। उस समय भी आजमगढ़ के लोगों ने बीजेपी के बजाय सपा को तरजीह दी और 10 में से पांच विधानसभा सीटें सपा के खाते में गईं। चार सीट बसपा और एक सीट बीजेपी ने जीती।
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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश ‘काम बोलता है’ के नारे के साथ मैदान में उतरे। जिले की जनता इस उम्मीद के साथ उनके साथ खड़ी हुई कि जनपद का विकास होगा लेकिन चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव सिर्फ दो बार आजमगढ़ आए और मात्र 24 घंटे 35 मिनट आजमगढ़ में रहे। आजमगढ़ में उन्होंने अपना कोई स्थाई प्रतिनिधि भी नियुक्त नहीं किया। अभी दो दिन पूर्व अखिलेश ने पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव को प्रतिनिधि बनाया है इसके बाद भी कोई विकास कार्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसा भी नहीं है कि अखिलेश के पास बजट का अभाव है। उनकी सांसद निधि का ढाई करोड़ रुपया पड़ा है। काम के नाम पर अखिलेश यादव ने अब तक एक सोलर लाइट और एक हैंडपंप दिया है। इससे आम आदमी की नाराजगी लगातार बढ़ रही है।
मुलायम का भी हुआ था विरोध
वर्ष 2014 में जब मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ के सांसद बने तो उन्होंने तमौली गांव को गोद लिया, लेकिन सांसद के तौर पर वह कभी आजमगढ़ नहीं आए। जिला तो दूर अपने गोद लिए गांव तक का विकास नहीं कर सके। इसके कारण उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा था। अब 2019 में अखिलेश यादव आजमगढ़ के सांसद चुने गए हैं।
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