बता दें कि सराफा कारोबारी आशीष गोयल मंगलवार को अपनी दुकान पर बैठे थे। उसी दौरान एसडीएम सदर गौरव कुमार अपनी टीम के साथ दुकान पर पहुंचे और मास्क न लगाने का आरोप लगाते हुए आशीष को पीट दिया। इसके बाद पुलिस ने भी सड़क पर खींचकर उसकी पिटाई की। इसके बाद कारोबारी एसडीएम व सीओ पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोतवाली पहुंचकर धरने पर बैठ गए। जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक नगर पंकज पांडेय भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। कारोबारियों ने अधिकारियों से एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एएसपी ग्रामीण ने पीड़ित कारोबारी को ही दोषी ठहराया तो कारोबारी नाराज होकर धरने पर बैठ गए। यहीं नहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह, भाजपा नेता अजय सिंह भी कारोबारियों के साथ खड़े हो गए। दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता गया। इसी बीच अपराह्न करीब 3.30 बजे किसी ने भीड़ से पत्थर चलाया और वह सिपाही को लग गया। सिपाही के घायल होते ही पुलिस और कारोबारियों के बीच विवाद बढ़ गया।
दोनों पक्षों में धक्कमुक्की शुरू हुई तो कुछ लोगों ने कोतवाली का गेट तोड़ दिया। फिर क्या था पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद मौके पर अफरा तफरी मच गयी। दो आरक्षी व कई कारोबारी चोटिल हो गए। पुलिस ने समाजसेवी सहित कई लोगों को हिरासत में ले लिया। बाद में न केवल उन्हें छोड़ दिया गया बल्कि कारोबारियों की मांग को मानते हुए डीएम ने घायल कारोबारी का मेडिकल भी करा दिया है।
अब इस मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव के ट्वीट से नया मोड़ आ गया है। आम तौर पर सांसद होने के बाद भी आजमगढ़ के मामलों मे चुप्पी साधे रखने वाले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि ‘‘ आजमगढ़ में सराफा व्यापारी से मास्क न लगाने पर पुलिस ने जो हाथापाई व बदसुलूकी की है वह निंदनीय है। इससे व्यापारी समाज में आक्रोश फैल गया है। मास्क न लगाने पर जुर्माना वसूलने की जगह मारपीट का अधिकार क्या चुनावों में बिना मास्क के रैली करने वाले स्टार प्रचारक जी ने दिया है। अखिलेश यादव का यह ट्वीट चर्चा का विषय बना हुआ है।
BY Ran vijay singh