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अधिवक्ताओं ने दिनभर चूड़ी पहन किया काम, बोले महिलाओं को मिलना चाहिए बराबर का हक

locationआजमगढ़Published: Mar 08, 2021 09:06:13 pm

-विश्व महिला दिवस पर निजामाबाद में अधिवक्ताओं का अनोखा प्रदर्शन
-चूड़ी पहने अधिवक्ताओं को देख अधिकारी ही नहीं वादकारी भी रह गए दंग

चूड़ी पहनकर प्रदर्शन करते अधिवक्ता,चूड़ी पहनकर प्रदर्शन करते अधिवक्ता

चूड़ी पहनकर प्रदर्शन करते अधिवक्ता,चूड़ी पहनकर प्रदर्शन करते अधिवक्ता

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. महिलाओं को समाज में बराबरी का हक दिलाने के लिए विश्व महिला दिवस पर सोमवार को भारतीय संस्कृति सहयोग एवं मैत्रीय संघ से जुड़े अधिवक्ताओं ने पूरे दिन हाथ में चूड़ी पहन काम किया। अधिवक्ताओं का यह अनोखा प्रदर्शन देख अधिकारी ही नहीं बल्कि वादकारी भी दंग रह गए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान उनके अधिकारों की रक्षा और समाज में बराबरी का दर्जा देने की मांग की। साथ ही अधिवक्ताओं द्वारा सामाजिक कुरीतियों को मिटाने और लोगों को जागरुक करने का संकल्प लिया गया।

विश्व महिला दिवस पर सोमवार को पूरे जिले में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गए थे लेकिन अधिवक्ताओं का यह प्रदर्शन बिल्कुल अलग था। निजामाबाद तहसील के अधिवक्ता जितेंद्र हरि पांडेय और उनके सहयोगी चैंगर में पहुंचते ही हाथों में चूडिंया पहन लिए। इसके बाद पूरे दिन हाथ में चूड़ी पहनकर काम किया।

अधिवक्ता जितेंद्र हरि पांडेय ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत साहित्य उपक्रम के संपादक पूर्व डीजीपी हरियाणा विकास नारायण राय ने हरियाणा और दिल्ली के आस-पास कई वर्षों पहले किया था। पुरुष वर्ग जब आवेश में होता है, तब वह जोर देकर कहता है कि हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी है, जो समाज मे प्रचलित मुहावरा बन चुका है।

महिला-पुरुष के बीच इस तरह की गैरबराबरी और स्त्री के प्रति पुरुष की नकारात्मक सोच को बदलने के लिये इस अभियान से जुड़े लोग अपने कार्यस्थल पर हाथों में चूड़ियां पहनकर महिलाओं की खातिर इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने का प्रयास कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता कमला सिंह तरकश ने कहा कि नारी प्राकृतिक रूप से सृष्टिकर्ता और परिवार की व्यवस्थापक है। उसके कार्यों में आने वाले व्यवधान हटा दिये जांय तो वह समाज को सर्वोत्तम सामाजिक व्यवस्था दे सकती है। हमें नारी पर कृपा करने के बजाय उसे नेतृव का मौका देने की जरूरत है। इससे न केवल समाज बल्कि परिवार का भी भला होगा।

BY Ran vijay singh

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