बताते हैं कि जगदीशपुर में विजय दशमी पर्व पर वर्षों से हाथी मंगाने की परंपरा चली आ रही है। रावण, कुम्भ करण, मेघनाथ आदि की सेना में हाथी शामिल रहती है। रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाथ जब युद्ध के लिए राक्षसी सेना के साथ निकलते हैं तो हाथी आगे आगे चलती है। फिर राम से युद्ध होता है। युद्ध को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
इस बार तैयारियों के तहत दो हाथी मंगाई गई थी। दशहरा कमेटी द्वारा एक हाथी महाराजगंज तथा दूसरी आजमगढ़ से मंगाई गयी थी। दोनों हाथी शुक्रवार की सुबह आठ बजे ही मेला स्थल पर पहुंच गए। जगदीशपुर गांव स्थित बाबा भगवती दास कुटी जाने के दौरान कुंवर नदी के पास जगदीशपुर गांव के करीब ही सवारी जीप के चालक ने दस रुपये का नोट निकाल हाथी को ना पकड़ा कर महावत को दे दिया और आगे बढ़ गया।
फिर क्या था हाथी को गुस्सा आ गया। वहीं जीप चालक आगे बढ़ चुका था ज बवह नहीं मिला तो हाथी आक्रोशित होकर तोड़फोड़ शुरू कर दिया। हाथी ने सड़क किनारे खड़ी मैजिक व आटो को पलट दिया। इस दौरान उसने दो मोटरसाइकिल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी का उत्पात देख लोग सहम उठे। क्षेत्र में अफरातफरी मच गयी।
महावत हाथी को वश में करने का प्रयास करने लगा तो लगभग बीस मिनट बाद हाथी काबू में आया। फिर महावत हाथी लेकर आगे बढ़ गया। हाथी बाबा भगवती दास कुटी जगदीशपुर में पहुंच चुका है। दशहरा कमेटी ने हाथी को मेला में ना घुमाने का निर्णय लिया है। साथ ही वन विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।