बता दें कि जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगतार बढ़ रही है। खासतौर पर बरसात शुरू होने के बाद इसमें तेजी से इजाफा हुआ है। डाक्टर, पीएसी जवान, पुलिसकर्मी सभी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे है। मंगलवार को जिले में एक साथ 30 कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या 486 हो गई है। संक्रमण के चलते दस लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं तो 159 लोग विभिन्न अस्पातलों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे है। वहीं 317 संक्रमित अब तक स्वस्थ्य हुए हैं।
लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए सरकार ने जांच का दायरा बढ़ाने के लिए जिला अस्पताल में आठ जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्रू-नाट मशीन का उद्घाटन किया था। वहीं मेडिकल कालेज में भी यह मशीन लगाने का निर्देश दिया गया था। मेडिकल कालेज में आज तक जांच शुरू नहीं। वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पातल की ट्रू-नाट मशीन चार दिन पहले तक जांच कर रही थी लेकिन अब इस पर भी ताला लटक गया है।
जबकि डीएम ने ट्रू नॉट मशीन से हो रही धीमी जांच पर नाराजगी जताते हुए जांच का दायरा 10-15 से बढ़ाकर 25-30 तक करने का निर्देश दिया था। डीएम के निर्देश का भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ा। बल्कि एक दूसरे को जिम्मेदार बताकर पल्ला झाड़ा जा रहा है। कोराना प्रभारी डा. मुकेश जायसवाल का कहना है कि इसके प्रभारी एसआइसी हैं, वही कुछ बता सकते हैं। जबकि ट्रॅू नॉट के पैथॉलाजिस्ट डा. मोहम्मद अजहर सिद्दीकी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि जांच क्यो बंद है। हालत बदतर होती जा रही है। यही नहीं सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी 4700 एंटिजन रैपिड किट का इस्तेमाल भी अभी शुरू नहीं हुआ है। कारण कि इसके इस्तेमाल के लिए अभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल डा. कृष्ण गोपाल सिंह का कहना है कि तीन दिनों से केमिकल टेस्ट किट खत्म हो जाने के चलते ट्रू नॉट मशीन से जांच प्रभावित है। केमिकल टेस्ट किट लाने के लिए डा. अजहर सिद्दीकी मंगलवार को सुबह लखनऊ रवाना हो गए हैं। वे जब लखनऊ से उसे लेकर आ जाएंगे तो मशीन से कोरोना संक्रमण की जांच शुरू हो जाएगी।