दिल्ली के बटला हाउस कांड की बात की जाए तो सरायमीर थाना क्षेत्र के संजरपुर का नाम सुर्खियों में आया था। बिलरियागंज, मुबारकपुर के भी कनेक्शन ऐसे मामलों में सामने आए। जिला आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों की पनाहगाह के रूप में माना जाने लगा था। यही कारण है कि जिले में भी आतंकवाद निरोधी दस्ते के यूनिट की जरूरत महसूस की जा रही थी।
पुलिस महानिदेशक एटीएस डॉ. जीके गोस्वामी से जनवरी 2021 में एटीएस की यूनिट की स्थापना के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश कुमार को पत्र लिखकर 3000 वर्ग फीट भूमि उपलब्ध कराने को कहा था। डीजीपी के पत्र के बाद जिलाधिकारी ने सीआरओ हरिशंकर को जमीन की तलाश के निर्देश दिए थे। सीआरओ के निर्देश पर एटीएस यूनिट के लिए मंदुुरी में भूमि चिन्हित की गयी है। भाजपा ने इसका जिक्र अपने घोषणा पत्र में भी किया है।
चिन्हित भूमि पर उसमें एटीएस के कार्यालय के साथ ही कमांडो कक्ष व बैरक आदि का निर्माण कराया जाएगा। यूनिट के जिले में स्थापित करने के लिए जरूरी भवन के साथ ही अन्य संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे। जिले में यूनिट की स्थापना से आतंकवाद पर कड़े प्रहार की कवायद शुरू होगी और जिले के माथे पर लगे आतंक के तार जुड़े होने के कलंक से भी मुक्ति मिलेगी।
बन सकता है कमांडो ट्रेनिंग सेंटर
माना जा रहा है कि एटीएस यूनिट बनने के बाद यहां भविष्य में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना भी की जाएगी। भाजपा ने तो अपने संकल्पपत्र में बाकायदा इसका जिक्र भी किया है। एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि भी कि एक रणनीति पर काम हो रहा कि कमांडो ट्रेनिंग सेंटर ऐसे जगह स्थापित हो, जहां से दो घंटे में घटनास्थल का कवर किया जा सके। ऐसे में लखनऊ-वारणसी के बीच आजमगढ़ में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर बनाना मुफीद ही होगा।