बता दें कि अयोध्या मामले में सुनवायी पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगई 17 नवंबर को सेवा निवृत्त होने से पूर्व इस मामले में फैसला सुनाएंगे। फैसला क्या होगा किसके पक्ष में होगा इसकी चर्चा जोरोंं पर है। फैसले को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैले, फैसले के बाद शरारती तत्व माहौल न बिगाड़ सके इसके लिए प्रशासन अभी से रणनीति बनाने में जुटा है। एलआईयू, आइबी को सक्रिय कर दिया गया है। सीओ, थानाध्यक्ष, एसडीएम ग्रामीण क्षेत्रों में नजर गड़ाए हुए है। थानाध्यक्ष गांवों में जाकर लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने तथा किसी अनहोनी की आशंका होने पर तत्काल सूचना देने के लिए प्रेरित कर रहे है।
थानों पर भी शांति समिति की बैठक के जरिए लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपनी की जा रही है। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह पूरी स्थिति पर नजर गड़ाए हुए हैं। एसपी और प्रभारी डीएम/ मुख्य राजस्व अधिकारी हरि शंकर आंतरिक सुरक्षा की बैठक कर चुके है। इसमें अधिकारियों को बताया जा चुका है कि आजमगढ़ जिला अति संवेदनशील है। इसलिए उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी पुलिस सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए तहसील व ब्लाक स्तर पर बैठक करे। यदि कोई व्यक्ति अपराधी प्रवृत्ति का है तो उसकी सूचना सम्बन्धित थानों को उपलब्ध कराएं। क्षेत्राधिकारी सभी धार्मिक संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठक करे। अराजकतत्वों पर पूरी तरह नजर रखे। इस मामले में किसी तरह की लापरवाही न बरतने की भी हिदायत दी गयी है।
सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाह को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सेल का गठन किया गया है। जो चैबीस घंटे निगरानी करेगी। वहीं एलआईयू व आईवी के लोग भी अराजकतत्वों पर नजर रखेंंगे।
पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि आजमगढ़ अति संवेदनशील जिला है। यहां प्रशासन शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। सभी थानों को एलर्ट किया गया है। सोशल मीडिया की निगरानी के लिए टीम गठित कर दी गयी है।
By Ran Vijay Singh