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मायावती ने बदलनी चाही इस क्षेत्र की तस्वीर पर अखिलेश व योगी ने तोड़ा सपना

locationआजमगढ़Published: Jun 19, 2020 09:12:37 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

बदहाल है कि मिर्जापुर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था दस साल में पूरा नहीं हो पाया 100 बेड का अस्पातलआज भी आधी अधूरी है अस्पताल की बिल्डिंगलेकिन कार्यदायी संस्था पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

मायावती ने बदलनी चाही इस क्षेत्र की तस्वीर पर अखिलेश व योगी ने तोड़ा सपना

मायावती ने बदलनी चाही इस क्षेत्र की तस्वीर पर अखिलेश व योगी ने तोड़ा सपना

आजमगढ़. सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन कोरोना संक्रमण ने जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। उपचार के लिए सरकार को प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही रेलवे की मदद लेनी पड़ रही है जबकि यहां दशकों से आधे दर्जन अस्पतालों का निर्माण अधूरा है लेकिन कोई सरकार उसपर ध्यान नहीं दे रही है। 100 बेड के एक अस्पताल का निर्माण तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में शुरू काराया था लेकिन वह आज तक पूरा नहीं है। पांच साल मुलायम सिंह आजमगढ़ के सांसद रहे, उनके पुत्र अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री, अब तीन साल से योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम है लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं कि निर्माण अधूरा क्यों है। आम आदमी की शिकायत के बाद भी कार्यदायी संस्था पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
अस्पताल जनता है सपना :- वर्ष 2007 में यूपी में बसपा की सरकार बनने के बाद मिर्जापुर ब्लाक की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र मिर्जापुर के बगल में 100 बेड का अस्पताल स्वीकृत हुआ था। उस समय लोगों को लगा कि शायद अब क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बेहतर हो जाए और 40 किमी दूर जिला मुख्यालय तक न जाना पड़े लेकिन लोगों का सपना ही रह गया।
समय से मिला भुगतान :- कारण कि भवन की दीवार खड़ी होने के बाद निर्माण बंद कर दिया गया। जबकि कार्यदायी संस्था को उसी समय भुगतान कर दिया है। इसके बाद भी कार्यदायी संस्था निमार्ण क्यों नहीं करा रहे जानने की कोशिश किसी ने नहीं की। हालत यह है कि दीवारें भी ढहने लगी है। लोगों को उपचार के लिए मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है। अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
कई रिमाइंडर भेजे गए हैं :- सीएमओ डा. एके मिश्र का कहना है कि निर्माण के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। कई अस्पताल अधूरे हैं उन्हें पूर्ण कराने की कोशिश हो रही है। शासन को पत्र लिखा गया है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिर्जापुर के प्रभारी प्रवीण चैधरी का कहना है कि उन्हें अस्पताल से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। निर्माण के संबंध में कोई जानकारी उच्चधिकारी ही दे सकते हैं।
न अधिकारी गंभीर न सरकार :- वहीं क्षेत्र के ज्ञानेंद्र मिश्र, ज्ञानचंद पाठक, तनवीर, शाह आलम आदि का कहना है कि अस्पताल का निर्माण पूरा हुआ होता तो क्षेेत्र के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आज हालत यह है कि छोटी मोटी बीमारी के उपचार के लिए भी जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। शिकायत को न तो अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही सरकार।

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