अस्पताल जनता है सपना :- वर्ष 2007 में यूपी में बसपा की सरकार बनने के बाद मिर्जापुर ब्लाक की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र मिर्जापुर के बगल में 100 बेड का अस्पताल स्वीकृत हुआ था। उस समय लोगों को लगा कि शायद अब क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बेहतर हो जाए और 40 किमी दूर जिला मुख्यालय तक न जाना पड़े लेकिन लोगों का सपना ही रह गया।
समय से मिला भुगतान :- कारण कि भवन की दीवार खड़ी होने के बाद निर्माण बंद कर दिया गया। जबकि कार्यदायी संस्था को उसी समय भुगतान कर दिया है। इसके बाद भी कार्यदायी संस्था निमार्ण क्यों नहीं करा रहे जानने की कोशिश किसी ने नहीं की। हालत यह है कि दीवारें भी ढहने लगी है। लोगों को उपचार के लिए मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है। अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
कई रिमाइंडर भेजे गए हैं :- सीएमओ डा. एके मिश्र का कहना है कि निर्माण के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। कई अस्पताल अधूरे हैं उन्हें पूर्ण कराने की कोशिश हो रही है। शासन को पत्र लिखा गया है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिर्जापुर के प्रभारी प्रवीण चैधरी का कहना है कि उन्हें अस्पताल से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। निर्माण के संबंध में कोई जानकारी उच्चधिकारी ही दे सकते हैं।
न अधिकारी गंभीर न सरकार :- वहीं क्षेत्र के ज्ञानेंद्र मिश्र, ज्ञानचंद पाठक, तनवीर, शाह आलम आदि का कहना है कि अस्पताल का निर्माण पूरा हुआ होता तो क्षेेत्र के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आज हालत यह है कि छोटी मोटी बीमारी के उपचार के लिए भी जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। शिकायत को न तो अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही सरकार।