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अखिलेश ने मायावती को पहुंचायी बड़ी चोट, पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली ने बसपा छोड़ सपा का थामा हाथ

locationआजमगढ़Published: Jul 23, 2020 02:49:35 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

-लेकिन लैकफेड घोटाले के आरोपी को लगा लिया गले-सपा में शामिल पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव बसपा प्रमुख के रहे हैं बेहद करीबी-घोटाले में जेल जाने के बाद भी लड़ा था विधानसभा और लोकसभा चुनाव

अखिलेश ने मायावती को पहुंचायी बड़ी चोट, पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली ने बसपा छोड़ सपा का थामा हाथ

अखिलेश ने मायावती को पहुंचायी बड़ी चोट, पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली ने बसपा छोड़ सपा का थामा हाथ

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. सपा-बसपा के बीच चल रही तनातनी के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा मुखिया मायावती को बड़ा झटका दिया है। अखिलेश ने माया के बेहद करीबी पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली को सपा में शामिल करा लिया। हांलाकि क्षेत्र में चर्चा है कि मायावती को झटका देने के लिए अखिलेश ने लैकफेड घोटाले के आरोपी को गले लगा लिया है।
करैली का सपा में शामिल होना चर्चा का विषय बना हुआ है। लैकफेड घोटाले में जेल जाने के बाद भी मायावती ने करैली को लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ाया था। लेकिन वे जीत नहीं सके थे। माना जा रहा है कि लगातार हार के बाद राजनीतिक कॅरियर खतरे में देख करैली ने साइकिल की सवारी करना मुनासिब समझा। चंद्रदेव राम यादव करैली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दल चुनाव लड़कर की थी। इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में इन्हें मुबारकपुर से टिकट दिया और करैली विधानसभा पहुंच गए। फिर 2007 के चुनाव में भी उन्होंने मुबारकपुर सीट से जीत हासिल की। मायावती की सरकार में यह लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री बने। बसपा सरकार के दौरान इन पर घोटाले का दाग लगा।
लैकफेड घोटाला क्या था :-

लैकफेड घोटाले में चंद्रदेव राम पर आरोप लगा कि उन्होंने मंत्री पद पर रहते हुए गोविंद शरण श्रीवास्तव एवं सह अभियुक्तों से मिलकर लघु उद्योग विभाग के क्लस्टर योजना के कार्य के लिए लैकफेड के अधिकारियों से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेकर यह काम लैकफेड को दे दिया। इसी प्रकार गोविंद शरण श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने मुख्य अभियंता के पद पर रहते हुए लैकफेड के अनेक अभियंताओं के नाम पर लेखाकार अनिल अग्रवाल से सांठगांठ कर बियरर चेक जारी कराए। उन्होंने प्रवीण सिंह की पत्रावली नष्ट की तथा बादशाह सिंह को पांच करोड़ रुपये एवं रंगनाथ मिश्रा को एक करोड़ 25 लाख रुपये रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। अजय दोहरे पर आरोप लगा कि उन्होंने अधिशाषी अभियंता रहने के दौरान दीपक दवे, अनिल अग्रवाल, गोविंद शरण श्रीवास्तव एवं पंकज त्रिपाठी से सांठगांठ कर पिछड़ा सेल अनुदान राशि योजना के अंतर्गत बदायूं में कार्य कराने के लिए विभिन्न तारीखों में बैंक से अग्रिम धनराशि के रूप में 184.7 लाख रुपये निकाले जिसमें 32.14 लाख रुपये खर्चा किया शेष धनराशि हड़प लिया। करैली पर दोहरे पदों का लाभ लेने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं।
जाना पड़ा था जेल :-

वर्ष 2010-11 में करैली को जेल जाना पड़ा। जेल में रहने के कारण इन्हें वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला। करैली के दबाव में ही मायावती ने शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा और वे जीत गये। जेल से छूटने के बाद करैली फिर मुबारकपुर से टिकट चाहते थे लेकिन मायावती ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का टिकट नहीं काटा बल्कि 2017 में करैली को आजमगढ़ जिले की ही निजामाबाद विधानसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया। जहां सपा के आलमबदी ने जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन में मायावती ने करैली को कैसरगंज सीट से प्रत्याशी बना दिया। बुधवार को एकाएक उन्होंने लखनऊ जाकर सपा ज्वाइन कर सभी को चौंका दिया। माना जा रहा है कि इससे बसपा को गहरी चोट पहुंचेगी।

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