आजमगढ़

…सत्यमेव मर गया, जाओ लाश उठा लाओ

– सवर्णों को पसंद नहीं आया दलित प्रधान का इनकार, मार डाला- दबंगों को पकडऩे के लिए 6 टीमें गठित, 25 हजार का ईनाम घोषित- गैंगस्टर और एनएसए के तहत होगी कार्रवाई, संपत्ति भी होगी जब्त

आजमगढ़Aug 16, 2020 / 04:52 pm

Hariom Dwivedi

यह लोमहर्षक वारदात तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में हुई

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. वह दलित था। ग्राम प्रधान था। सत्यमेव जयते नाम था उसका। वह दलितों के हित और उनके अधिकारों की बात करता था। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संन्ध्या पर उसने सवर्णों के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। दबंगों को यह इनकार पसंद नहीं आया। घेर कर सरेआम गोली मार कर उसकी हत्या कर दी गयी। नृशंश हत्या के बाद सवर्णों ने जातिसूचक गालियां देते हुए कहा-सत्यमेव मर गया, बहुत अधिकारों की बात करता था। जाओ उसकी लाश उठा लाओ…।
यह लोमहर्षक वारदात तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में हुई। यहां के दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम (42) की दंबगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की वजह यह थी कि सवर्णों को दलित प्रधान का इनकार रास नहीं आया। एसपी का कहना है कि मनरेगा से जुड़े किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करने पर प्रधान को गोली मारी गई। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस की जीप से दबकर एक बच्चे की भी मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने पत्थरबाजी की। एक पुलिस चेक पोस्ट में आग लगा दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपितों के खिलाफ एनएसए और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमों का गठन किया गया है। और 25-25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है। लापरवाही के आरोप में थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। लालगंज सीओ अजय यादव को भी हटा दिया गया है। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस-फोर्स तैनात है।
घर से बुलाया और गोली मार दी
सत्यमेव जयते की पत्नी मुन्नी देवी की तहरीर पर पुलिस ने विवेक सिंह उर्फ भोलू, सूर्यांश कुमार दुबे, बृजेंद्र सिंह उर्फ गप्पू और वसीम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुन्नी देवी के अनुसार आरोपित सत्यमेव को घर से ट्यूबवेल के पास ले गये और वहीं गोली मार दी। मृतक के भतीजे लिंकन ने बताया कि हत्या के बाद चारों आरोपित सत्यमेव की मां के पास आये और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा, सत्यमेव मर गया, जाकर लाश उठा लाओ।
दलितों का वर्चस्व स्वीकार नहीं
बांसगांव के दलित सत्यमेव जयते पहली बार ग्राम प्रधान बने थे। दलितों का आरोप है कि सत्यमेव हमेशा अपने अधिकारों की बात करते थे और दबंग सवर्णों के आगे नतमस्तक होने से इनकार कर देते थे। इसीलिए उसकी हत्या कर दी गई। आजमगढ़ के बांसगांव में ऊंची जातियों के मुकाबले दलितों की संख्या करीब 5 गुना ज्यादा है। गांव में करीब 300 घर दलितों के और लगभग 30 परिवार सवर्ण जातियों के हैं। लेकिन इन्हें कभी भी दलितों का वर्चस्व स्वीकार नहीं हुआ।
मायावती ने योगी सरकार को घेरा
मायावती ने दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संन्ध्या पर नृशंस हत्या और एक अन्य की कुचलकर मौत की खबर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मामले की जांच करने और यूपी में दलितों पर हो रही जुल्म-ज्यादती और हत्या पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में फिर क्या अन्तर रह गया है?

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