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UP Assembly Election 2022: सियासत का केंद्र बना पूर्वांचल का यह जिला, चार दिन ने तीन बड़े दिग्गज तैयार करेंगे पार्टी की जमीन

locationआजमगढ़Published: Nov 12, 2021 05:20:25 pm

Submitted by:

Ranvijay Singh

UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर चुके है। पूर्वांचल के मध्य स्थित आजमगढ जिला यूपी की सियासत का केंद्र बनता दिख रहा है। अगले चार दिन में तीन पार्टियों के दिग्गज नेता यहां विधानसभा चुनाव के लिए जमीन मजबूत करते नजर आएंगे तो 26 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां आने की संभावना है।

प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होना है लेकिन सियासी गर्मी अभी से बढ़ गयी है। कोई अपनी राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है तो कोई जमीन तैयार करने के लिए जूझ रहा है। सभी को मुद्दों की तलाश है। एक दूसरे पर वार व पटलवार भी जारी है। इन सब के बीच अब आजमगढ़ पूर्वांचल ही नहीं बल्कि यूपी की सियासत का केंद्र बनता दिख रहा है। अगले चार दिन यहां के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। कारण कि इस दौरान यहां तीन दिग्गज पहुंचने वाले है और इनके आने का मात्र एक कारण है सत्ता का संघर्ष।

बता दें कि सीएए, एनआरसी को लेकर वर्ष 2019 में बिलरियागंज में हुए बवाल के बाद जहां कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मैदान में उतारकर पूरे पूर्वांचल की सियासत को गरम करने की कोशिश की थी तो 14 अगस्त 2020 को तरवां में हुई दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या के बाद जिले को दलित सियासत का केंद्र बनाने की कोशिश हुई। इस मामले को कांग्रेस के साथ ही सपा, बसपा और भीमआर्मी ने भुनाने की पूरी कोशिश की। यह सिलसिल आज भी चल रहा है। धन लेकर दलितों को उकसाने और धरना प्रदर्शन कराने के आरोप में भीमआर्मी के प्रदेश प्रवक्ता एहसान खान जेल में बंद हैं।

अब चुनाव नजदीक है तो इन मुद्दों के साथ ही जातीय, धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश भी शुरू हो गयी है। वहीं सपा-भाजपा में विकास के मुद्दों पर सीधी तकरार दिख रही है। अब अगला तीन दिन जिले की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कारण कि 13 नवंबर को जिले में गृहमंत्री अमित शाह एक बड़ी रैली को संबोधित करने के साथ ही विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने जा रहे हैं। बीजेपी सपा पर लगातार विश्वविद्यालय के मामले में जिले को धोखा देने का आरोप लगा रही है।

13 को ही प्रसपा मुखिया परिवर्तन यात्रा के साथ आजमगढ़ पहुंच रहे हैं और वे 14 नवंबर को भी आजमगढ़ में रहे हैं। प्रसपा की अपने लिए चुनावी जमीन तैयार करने की कोशिश करेगी। कारण कि अगर सपा से गठबंधन अथवा विलय नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं विजय रथ पर सवार सपा मुखिया व आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव भी 16 नवंबर को आजमगढ़ पहुंच रहे हैं। वे भी 17 नवंबर को आजमगढ़ में रहेंगे। ऐसे में अगले चार दिन राजनीतिक सरगर्मी चरम पर रहने वाली है।

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