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आजमगढ़ में घाघरा निगल रही हजारों परिवारों की खुशियां, साहब मीटिंग तक सीमित

locationआजमगढ़Published: Jul 11, 2020 01:24:43 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

खतरे के निशान से 46 सेमी उपर बह रही नदीबर्बाद हो रही फसल, राहत कार्य सिर्फ निर्देश तक सीमित

आजमगढ़ में घाघरा निगल रही हजारों परिवारों की खुशियां, साहब मीटिंग तक सीमित

आजमगढ़ में घाघरा निगल रही हजारों परिवारों की खुशियां, साहब मीटिंग तक सीमित

आजमगढ़. बाढ़ के कहर के बीच अधिकारियों का खेल आम आदमी के लिए मुसीबत बन गया है। आलाधिकारी बैठक और निरीक्षण को ही अपनी जिम्मेदारी मान रहे हैं जबकि आम आदमी अपना सबकुछ खोता जा रहा है। हजारों बीघा फसल बाढ़ में जलमग्न हो चुकी है। दर्जनों घर खतरे में हैं तो लोगों की कीमती जमीन नदी में विलीन हो रही है लेकिन साहब सिर्फ, सिर्फ निर्देश तक व्यस्त हैं। लोग घर से बाहर कैसे निकलेंगे, जरूरत का सामान कैसे घर तक पहुंचेगा, बीमार को दवा कैसे मिलेगी इस तरफ प्रशासन का ध्यान बिल्कुल नहीं है।
घाघरा की बाढ़ कोई नई बात नहीं है। हर साल सगड़ी तहसील क्षेत्र के लोगों को घाघरा की तबाही झेलनी पड़ती है। इस साल अभी ठीक से बरसात शुरू भी नहीं हुई है और घाघरा ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। घाघरा खतरे के निशान को पार कर गयी है। डिघिया गेज पर नदी खतरे के निशान से 46 सेमी ऊपर बह रही है। बदरहुआ नाले पर भी नदी खतरे का निशान पार कर चुकी है।
दर्जनों गांवों के रास्ते बंद :- नदी के खतरे के निशान के उपर बहने का परिणाम है कि देवारा खास राजा, चक्की हाजीपुर, सोनौरा, अभ्भनपट्टी, झगरहवा, आराजी अजगरा मगरबी, आराजी अजगरा मशरकी, मानिकपुर, झंझनपुर सहित दर्जनों गांवों के रास्ते बंद हो चुके है। महराजगंज ब्लाक के महाजी देवारा जदीद गांव में तो हालत बद से बदतर है। यहां वर्ष 2009 में बसपा शासनकाल में पुल का निार्मण शुरू हुआ लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। परिणाम है कि यहां लोग जान जोखिम में डालकर बाहर निकल रहे हैं। अन्य गांवों की हालत इससे अलग नहीं है लेकिन वहां के लोगों को इस बात का संतोष है कि सरकार ने आजादी के 70 साल में कभी उनके बारे में सोचा ही नहीं। इसलिए उक्त गांवों के लोगों ने खुद को प्रकृति के भरोसे छोड़ दिया है।
फसलों को भारी नुकसान :- वहीं दूसरी तरफ घाघरा की बाढ़ फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा रही है। क्षेत्र के रोशनगंज देवारा, इस्माइलपुर, निबिहवा के 25 पुरवों के सैकडों किसानों के खेत में गन्ना,बाजरा, ज्वार, धान, सब्जी आदि की फसल जलमग्न हो गई है। अन्य क्षेत्रों में तेजी से बाढ़ का पानी फसलों की तरफ बढ़ रहा है। रहा सवाल अधिकारियों का तो वे सिर्फ निरीक्षण और समीक्षा में व्यस्त हैं।
आलाअधिकारियों के सिर्फ निर्देश :- जिलाधिकारी राजेश कुमार व पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह बाढ़ क्षेत्र बरदहुआ, गांगेपुर, गढ़वल, सहबदिया, हाजीपुर, गंगा गौरी महाविद्यालय रामनगर बैजाबारी, कुंड़ही ढाला, शिवपुर चौकी, सहदेवगंज, चिकनहवा बाजार का निरीक्षण कर चुके है। डीएम ने बाढ़ चौकियों पर सभी सुरक्षा उपकरण रखने व शिफ्टवार ग्राम्य विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत, पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को गांवों में जाकर क्लोरिन की गोली आदि के वितरण का निर्देश दिया गया है लेकिन मौके पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। लोग बाढ़ से सहमे हुए है। अभी यह हालत है आगे क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
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