उप कृषि निदेशक डाॅ. आरके मौर्य ने बताया है कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनपद में विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 15 जुलाई 2020 से निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कृषि यंत्रों को अपने आवश्यकतानुसार माँग/चयन किये जाने का विकल्प ऑनलाईन पोर्टल ¼www.upagriculture.com½ पर उपलब्ध है।
उन्होने बताया कि पोर्टल पर किसान पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। आधार कार्ड न होने की दशा में आधार कार्ड हेतु की गयी आवेदन का इनरोलमेन्ट संख्या उपलब्ध कराना होगा। कृषि यंत्र/कृषि रक्षा उपकरण एवं कस्टम हायरिंग सेण्टर स्थापना के लिये टोकन निर्गत किये जाने हेतु विभागीय पोर्टल पर पूर्व से उपलब्ध मोबाईल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त करने का विकल्प होगा। यदि पोर्टल पर उपलब्ध मोबाईल नम्बर बन्द होगा तो लाभार्थी के नये मोबाईल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त कर आगे की प्रक्रिया पूर्ण कर सकता है।
उन्होंने कहा कि 100000 रुपए से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्रों के लिये 5000 तथा 01 लाख से कम अनुदान वाले कृषि यंत्रों के लिए 2500 रुपए जमानत धनराशि देनी होगी। ट्रैक्टर माउण्टेड स्प्रेयर एवं 10000 तक अनुदान वाले कृषि यंत्रों के लिये शून्य जमानत धनराशि होगा। टोकन जनरेट होने के उपरान्त पोर्टल पर शो कर रहे बैंक खाते में धनराशि जमा किया जायेगा एवं बैंक को जमा की गयी धनराशि के चलान की छायाप्रति कार्यालय में जमा किया जायेगा। कस्टम हायरिंग सेण्टर की स्थापना में कुल 22 तथा अन्य कृषि यंत्रों जैसे-लेजर लैण्ड लेवलर-04, पॉवर स्प्रेयर-49, पॉवर चेप कटर-04, स्ट्रॉरीपर-02, मिनी राईस मिल-05, मिनी दाल मिल-01, मिलेट मिल-01, मल्टी क्रॉप थ्रेसर-01, रोटावेटर-60, ट्रैक्टर आपरेटर स्प्रेयर-22, सेल्फ प्रोपेल्ड पॉवर टीलर-03, कम्बाईन हार्वेस्टर-05, राईस ट्रान्सप्लान्टर-02, ऑयल मिल विदफिल्टर प्रेस-01 तथा ट्रैक्टर-02 के लक्ष्य मिला हैं। कस्टर हायरिंग सेण्टर की स्थापना के लिए 10 लाख तक के परियोजना लागत पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 04 लाख) का अनुदान देय होगा। कृषक द्वारा क्रयित कृषि यंत्र भारत सरकार के एफएमटीटीआई एवं अन्य केन्द्रीय संस्थान जो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो, द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है। योजना की निर्धारित लक्ष्य की सीमा तक पहल आओ-पहले पाओ के सिद्धान्त पर यंत्रों तथा उपकरणों का वितरण कराया जायेगा।