बता दें कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एवं राजकीय मेडिकल कालेज में 15 बेड का कोरंटाइन वार्ड है। इसके अलावा 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कोबिड-19 के नोडल अधिकारी दीपक पांडये के मुताबिक 2 अप्रैल को मुबारकपुर की एक मस्जिद से बरामद किए गए विभिन्न राज्यों के सात जमातियों को यहां भर्ती कराया गया था। इसके अलावा यहां आठ और जमाती भर्ती कराये गए हैं। यानि कि यहां कुल 15 जमाती और एक अन्य व्यक्ति का उपचार चल रहा है। प्रचार्य मरीजों को देखने के लिए कोरंटाइन व आइसोलेशन वार्ड में गए थे। इसी बीच जांच में तीन जमातियों का सेंपल पाजटिग पाया गया है। तीनों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। जबकि 14 संदिग्धों को कोरंटाइन वार्ड में रखा गया है। पाजटिब मरीजों के भर्ती होने से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। लोग खुद को बचाकर भर्ती मरीजों का उपचार कर रहे है।
तीन लोगों के पाजटिव आने के बाद एहतियात के तौर पर मरीजों का उपचार कर रहे दर्जनभर चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी तथा प्राचार्य को 28 दिन कोरंटाइन रहने की सलाह दी गई थी। इसी बीच शनिवार को आफिस सैनिटाइज करने के बाद प्राचार्य अपने कार्यालय में पहुंच गए। फिर क्या था उन्हें देखते ही दहशत के मारे विभिन्न पटलों पर काम करने वाले करीब 25 कर्मचारी अपने-अपने पटल छोड़कर पार्क में निकल गए। कुछ देने बाद उन्होंने आपस में सलाह मशवरा कर अघोषित रूप से कार्य बहिष्कार कर दिया। कर्मचायिों को डर था कि प्राचार्य मरीजों के संपर्क में रहे है इसलिए उनसे संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। प्राचार्य ने दो बार कर्मचारियों को निर्देश दिया कि सभी अपने पटल पर जाकर काम करें लेकिन कोई कर्मचारी काम करने नहीं गया। इससे कालेज में अपफा तफरी का माहौल दिन भर रहा। वैसे इस मुद्दे पर कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं नहीं है। कर्मचारियों का कहना हैकि वे जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं। सूत्रों की माने तो मामला जिला प्रशासन तक पहुंच चुका है और स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश हो रही है।
By Ran Vijay Singh