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कोरोना पॉज़िटिव के संपर्क में आए प्रिंसिपल को देख भाग खड़े हुए मेडिकल कालेज के कर्मचारी

locationआजमगढ़Published: Apr 04, 2020 11:38:16 pm

कोरोना पाजटिव मरीजों के संपर्क में आए थे प्रचार्य, 28 दिन कोरंटाइन रहने की मिली थी सलाह।
मेडिकल कालेज में दिखा अफरातफरी का माहौल, पार्क में घंटों जमा रहे कर्मचारी।

GMC Azamgarh

मेडिकल कॉलेज आज़मगढ़

आजमगढ़. कोरोना का खौफ सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि कोरोना के कर्मवीरों के भी सिर चढ़कर बोल रहा है। इसका प्रमाण शनिवार को सुपर स्पेशिलिटी अस्पातल एवं राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर में देखने को मिला। कालेज के प्रार्चाय जैसे ही अपने कार्यालय पहुंचे कर्मचारी अपना पटल छोड़ बाहर भाग खड़े हुए। उनका कहना था कि प्राचार्य कोरोना पाजटिव मरीजों के संपर्क में आये थे और उन्हें 28 दिन तक क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गयी थी। इसके बावजूद व कालेज में आ गए, इससे दूसरों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

 

बता दें कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एवं राजकीय मेडिकल कालेज में 15 बेड का कोरंटाइन वार्ड है। इसके अलावा 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कोबिड-19 के नोडल अधिकारी दीपक पांडये के मुताबिक 2 अप्रैल को मुबारकपुर की एक मस्जिद से बरामद किए गए विभिन्न राज्यों के सात जमातियों को यहां भर्ती कराया गया था। इसके अलावा यहां आठ और जमाती भर्ती कराये गए हैं। यानि कि यहां कुल 15 जमाती और एक अन्य व्यक्ति का उपचार चल रहा है। प्रचार्य मरीजों को देखने के लिए कोरंटाइन व आइसोलेशन वार्ड में गए थे। इसी बीच जांच में तीन जमातियों का सेंपल पाजटिग पाया गया है। तीनों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। जबकि 14 संदिग्धों को कोरंटाइन वार्ड में रखा गया है। पाजटिब मरीजों के भर्ती होने से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। लोग खुद को बचाकर भर्ती मरीजों का उपचार कर रहे है।

 

तीन लोगों के पाजटिव आने के बाद एहतियात के तौर पर मरीजों का उपचार कर रहे दर्जनभर चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी तथा प्राचार्य को 28 दिन कोरंटाइन रहने की सलाह दी गई थी। इसी बीच शनिवार को आफिस सैनिटाइज करने के बाद प्राचार्य अपने कार्यालय में पहुंच गए। फिर क्या था उन्हें देखते ही दहशत के मारे विभिन्न पटलों पर काम करने वाले करीब 25 कर्मचारी अपने-अपने पटल छोड़कर पार्क में निकल गए। कुछ देने बाद उन्होंने आपस में सलाह मशवरा कर अघोषित रूप से कार्य बहिष्कार कर दिया। कर्मचायिों को डर था कि प्राचार्य मरीजों के संपर्क में रहे है इसलिए उनसे संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। प्राचार्य ने दो बार कर्मचारियों को निर्देश दिया कि सभी अपने पटल पर जाकर काम करें लेकिन कोई कर्मचारी काम करने नहीं गया। इससे कालेज में अपफा तफरी का माहौल दिन भर रहा। वैसे इस मुद्दे पर कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं नहीं है। कर्मचारियों का कहना हैकि वे जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं। सूत्रों की माने तो मामला जिला प्रशासन तक पहुंच चुका है और स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश हो रही है।

By Ran Vijay Singh

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