अभियुक्तों ने बताया कि मृतक मणीलाल अपने पैतृक सम्पत्ति को बेचकर शराब पीता और पिलाता था और अपने ऊपर खर्च करता था, इस कारण से हम लोगों में विवाद होता था। शेष जमीन को बचाने की नियत से 25 नवम्बर को मृतक की पत्नी चन्द्रकला देवी शेष जमीन को अपने नाम से बैनामा कराना चाहती थी। जिसका मृतक मणिलाल द्वारा विरोध किया गया तथा रजिस्ट्री करने हेतु सहमत न होने पर 25 नवम्बर को समय करीब 10 बजे मृतक की पत्नी चन्द्रकला, पुत्र रवि यादव व बहू चन्दना यादव तथा साला सुबाष यादव के द्वारा शेष जमीन को बचाने तथा मृतक की पत्नी चन्द्रकला के नाम स्थानान्तरित कराने के उद्देश्य से हत्या करने का निश्चय करते हुए 25/26 नवम्बर की रात्रि लगभग 02.30 बजे अपने नये घर से जहां पर मृतक सोता था वहां पहुंचे तथा साला सुबाष के द्वारा पहले ऊपर चढ़ कर मुंह दबाया गया तथा बहू चन्दना व पत्नी चन्द्रकला द्वारा एक-एक पैर को पकड़ा गया और पुत्र रवि द्वारा दोनों हाथों को पकड़ा गया, मणीलाल के बेहोश हो जाने पर साले द्वारा घर में प्रयुक्त होने वाले चाकू से गर्दन को काट दिया गया।