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यूपी के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी, फसल का बीमा कराना है या नहीं अब किसान लेगा फैसला

locationआजमगढ़Published: Jul 12, 2020 08:19:27 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

24 जुलाई तक बैंक को देनी होगी सूचनाआजमगढ़ मंडल में 425598 हेक्टेयर भूमि पर होती है धान की खेतीआजमगढ में 215856, मऊ में 90342 तथा बलिया में 119400 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर होती है धान की रोपाई

यूपी के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी, फसल का बीमा कराना है या नहीं अब किसान लेगा फैसला

यूपी के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी, फसल का बीमा कराना है या नहीं अब किसान लेगा फैसला

आजमगढ़. कोरोना महामारी और मजदूरों के संकट के बीच किसानों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया है। अब किसान तय करेंगे कि उन्हें अपनी फसल का बीमा करना है कि नहीं। इसके लिए शासन स्तर पर 31 तक बीमा की तिथि निर्धारित की गयी है। जो किसान अपनी फसल का बीमा नहीं कराना चाहते हैं उन्हें 24 जुलाई तक अपने बैंक को सूचित करना होगा।
आजमगढ़ मंडल में मुख्य रूप से धान, गेहूं, चना, मटर, सरसो की खेती होती है। कुछ सीमित क्षेत्रफल पर किसान मक्का, मोटा अनाज, प्याज, सब्जी आदि की खेती करते हैं। रबी की फसल में प्राकृतिक आपदा के चलते भारी नुकसान उठाने के बाद खरीफ में अच्छा उत्पादन कर नुकसान की भरपाई का प्रयास कर रहा है। यहीं वजह है कि कोरोना संक्रमण के चलते उपजी तमाम समस्याओं के बाद भी किसान समय से रोपाई में जुटा है। मजदूर न मिलने पर लोग खुद धान की रोपाई कर रहे है तो कुछ क्षेत्रों में बिहारी मजदूरों के आने से राहत मिली है।
शासन ने आजमगढ़ मंडल में 425598 हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा है। इसमें आजमगढ़ में 215856 हेक्टेयर, मऊ में 90342 हेक्टेयर तथा बलिया में 119400 हेक्टयर रोपाई का लक्ष्य है। प्रशासन की माने तो निर्धारित क्षेत्रफल से अधिक रोपाई होनी तय है। कारण कि लगातार बरसात ने रोपाई के समय पानी की समस्या का समाधान कर दिया है। नहर वाले क्षेत्रों में थोड़ी दिक्कत जरूर है। कारण कि नहर आने से पानी अधिक हो गया है जिससे लोगों को रोपाई में परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ किसानों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया है। यानि कि अब किसान बीमा के लिए बाध्य नहीं होगा। बीमा कराना है या नहीं यह किसान की इच्छा पर निर्भर करेगा।
जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि फसली ऋण लेने वाले ऋणी किसानों को योजना में प्रतिभाग नहीं करने के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई के सात दिन पहले यानी 24 जुलाई तक बैंक शाखा को लिखित रूप से अवगत कराना होगा। उन्होंने बताया कि बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ की आच्छादित फसलों की प्रीमियम की धनराशि धान 1072 रुपये प्रति हेक्टेयर, अरहर 542 रुपये प्रति हेक्टेयर एवं मक्का 614 रुपये प्रति हेक्टेयर है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना अंतर्गत मिर्च फसल के लिए 5832 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर निर्धारित की गई है। बैंक द्वारा भेजे गए समस्त प्रार्थना पत्रों को स्वीकार करते हुए बीमा प्रीमियम की धनराशि की कटौती नहीं करनी है। किसान निर्धारित तिथि से पहले अपने बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।

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