समाजवादी पार्टी में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2015 के चुनाव में पार्टी ने बाहुबली दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया था। उस समय दुर्गा ने प्रमोद का विरोध किया तो बलराम यादव साथ खड़े हुए थे। दुर्गा के दबाव में पार्टी ने प्रमोद का टिकट काटकर जिलाध्यक्ष हवलदार यादव की बहू मीरा यादव को प्रत्याशी बना दिया था। मीरा लगातार दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गयी थी। उस समय बाहुबली रमाकांत यादव के सहयोग से प्रमोद मीरा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश किये लेकिन अंतिम समय में रमाकांत ने हवलदार का साथ दे दिया था जिसके कारण प्रमोद का मंसूबा सफल नहीं हुआ।
कल तक हवलदार का सपोर्ट करते रहे बाहुबली दुर्गा प्रसाद यादव पुत्र को सत्ता सौंपने का मन बना चुके हैं। ऐसे में हवलदार यादव व दुर्गा का आमने सामने होना तय है। हवलदार यादव अपनी बहू अथवा खुद के लिए टिकट चाह रहे है। उनकी बहू दो बार अध्यक्ष रही तो खुद हवलदार एक बार अध्यक्ष रह चुके है। ऐसे में इनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है लेकिन दुर्गा यादव व रमाकांत यादव की दोस्ती उनके रास्ते का रोड़ा बन गयी है।
कारण कि हवलदार इन्हीं दो नेताओं से सपोर्ट की उम्मीद कर सकते थे। उनके राजनीतिक गुरु सपा राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव से उनका छत्तीस का आंकड़ा है। अब हवलदार को रमाकांत और दुर्गा का भी सपोर्ट नहीं मिलना है। कारण कि दोनों ही बाहुबली विजय यादव के लिए लाविंग शुरू कर दिये है। पार्टी के जिला महासचिव हरि प्रसाद दुबे ने आज जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के दावेदारों से टिकट के लिए प्रस्ताव मांगा है लेकिन गुरुवार को ही एक बड़े घड़े ने विजय यादव को सोशल मीडिया पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पार्टी सूत्रों की माने तो एक सप्ताह पूर्व ही इस संबंध में रमाकांत और दुर्गा की मीटिंग हो चुकी है। दोनों ही नेता सदस्यों को विजय के पक्ष में लामबंद करने में जुटे हैं। सोशल मीडिया पर मीटिंग की फोटों भी खूब वायरल हो रही है। ऐसे में हवलदार की मुसीबत काफी बढ़ गयी है।
BY Ran vijay singh