रमाकांत ने मुलायम सिंह यादव और पूर्व सीएम अखिलेश यादव को पिछड़ों ओर दलितों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया। उन्होंने कहा कि यह वही अखिलेश और मुलायम सिंह यादव हैं, जिन लोगों ने दलितों के पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा उठा तो सबसे पहले संसद में मुलायम सिह यादव ने मुखर होकर विरोध किया था। वर्ष 2013 में अखिलेश यादव यूपी के सीएम थे। उस समय पिछड़ों के त्रिस्तरीय आरक्षण का मामला उठा तो अखिलेश यादव ने युवाओं पर लाठी चार्ज कराकर पिछड़ी जाति के युवाओं पिटवाया और उन्हें सड़कों पर बिछवा दिया। रमाकांत यादव ने कहा कि अखिलेश यादव पिछड़ों के हितों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि उन्हें पंगु बनाने के लिए आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के लिए आए हैं।
रमाकांत यादव ने कहा कि गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, सुल्तानपुर की तर्ज पर आजमगढ़ में भी यह पिछड़ों को कमजोर करना चाहते हैं इसलिए यहां से चुनाव लड़ने आये हैं। इनका मानना है कि आजमगढ़ सीट पर लगातार इनके परिवार के वर्चस्व से पिछड़ा दब जायेगा। इसके बाद हम किसी को भी प्रत्याशी बनाकर भेज देंगे तो वह वोट देने का काम करेगा। वह खुद राजनीति करने के बारे में नहीं सोचेगा। अखिलेश इसी मानसिकता के साथ आजमगढ़ आए है जो यहां के लोगों के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि जनता उनके मंसूबे को समझ चुकी है और चुनाव में जवाब भी देगी।
आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के सवाल पर रमाकांत ने कहा कि हां मैं चुनाव लड़ूंगा और मेरे सामने कोई चुनौती नहीं है। कारण कि आज गठबंधन के बाद भी इनके पास सिर्फ आठ लाख वोट है और हमारे पास 9.50 लाख। हम उनके भी मत में सेंध लगाने की ताकत रखते है लेकिन वे हमारा वोट हासिल नहीं कर सकते। पिछला चुनाव मुलायम सिंह सत्ता का दुरूपयोग कर जीते थे इस बार यहां की जनता सपा प्रत्याशी को हराकर भेजेगी।