scriptBIG BREAKING: अखिलेश यादव ने बाहुबली रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी में शामिल किया | Bahubali Ramakant yadav Join Samajwadi party after 15 Year | Patrika News

BIG BREAKING: अखिलेश यादव ने बाहुबली रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी में शामिल किया

locationआजमगढ़Published: Oct 06, 2019 12:50:15 pm

दो सौ से अधिक वाहनों के साथ लखनऊ पहुंचे थे रमाकांत।

Ramakant Yadav

रमाकांत यादव

आजमगढ़. वर्ष 2016 में बाहुबलियों के विरोध में पार्टी टूटने की भी परवाह न करने वाले पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रविवार को पूर्वांचल के बाहुबली रमाकांत यादव को गले लगा लिया। दो सौ से अधिक वाहनों के काफिले के साथ लखनऊ पहुंचे रमाकांत ने पंजे का साथ छोड़ साइकिल पर सवार हो गए। रमाकांत यादव की 19 साल बाद सपा में वापसी हुई है। रमाकांत की वापसी राजनीति में क्या गुल खिलाएगी यह तो समय बताएगा लेकिन उनके सपा में वापसी से कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल साफ दिख रहा है।

बाहुबली रमाकांत यादव को दलबदल का माहिर माना जाता है। कहते हैं कि राजनीतिक लाभ के लिए रमाकांत यादव किसी के साथ जा सकते है। वर्ष 1984 में पहली बार कांग्रेस जे से विधायक चुने गए रमाकांत चार बार विधायक और इतनी ही बार सांसद रह चुके हैं। रमाकांत यादव की दबंग व सवर्ण विरोधी छवि उनके लिए हमेशा से फायदेमंद साबित हुई है। अब तक के राजनीतिक कैरियर में रमाकांत यादव सवर्णो का विरोध कर यादवों को अपने पक्ष में एक जुट करने में सफर रहे है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब वे कांग्रेस के टिकट पर भदोही से मैदान में उतरे तो वहां भी यही दांव आजमाया तथा मंच से खुलकर सवर्णो को धमकी दी लेकिन वहां उनका यह दाव नहीं चला। यादव गठबंधन के साथ चले गए परिणाम रहा कि रमाकांत की जमानत नहीं बची और वे अर्श से फर्श पर आ गए। राजनीतिक कैरियर तबाह होता देख रमाकांत को मजबूत सहारे की दरकार थी तो बाहुबलियों का विरोध करने वाले अखिलेश यादव भी वर्ष 2019 का चुनाव हारने के बाद खुद को असहाय महसूस करने लगे थे। वर्ष 2019 में गठबंधन के बाद भी निरहुआ ने जिस तरह अखिलेश यादव को टक्कर दी उससे भी सपाइयों की बौखलाहट साफ दिख रही है। निरहुआ यादव पूर्वांचल में यादव नेताओं पर अपना दबदबा कायम न कर सके इसके लिए अखिलेश यादव किसी मजबूत यादव नेता की दरकार महसूस कर रहे थे।

यही वजह है कि 2019 में रमाकांत यादव को खाली हाथ लौटाने वाले अखिलेश से जब रमाकांत दोबारा मिले तो उन्होंने दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया और पुराने गिले शिकवे तथा बाहुबलियों को पार्टी मंे न लेने के अपने संकल्प को भूल रमाकांत के वापसी की हरी झंडी दे दी।

फिर क्या था बाहुबली रमाकांत यादव रविवार को सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ लखनऊ पहुंचे और अखिलेश की मौजूदगी में सपा का दामन थाम लिया। दल बदल के माहिर रमाकांत ने सपा में वापसी के संबंध में सवालों का बेहद शातिर अंदाज में जवाब दिया। सपा में मैं तो दूर मेरी लाश के सवाल पर रमाकांत ने कहा कि मैने कहा था कि सपा में मेरी लाश नहीं जाएगी मैं जिंदा वापसी कर रहा हूं। सपा को उन्होंने अपना घर करार दिया लेकिन उन्होंने बीजेपी अथवा कांग्रेस पर कुछ भी बोलने से परहेज किया।
By Ran Vijay Singh

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