बता दें कि बीजेपी आजमगढ़ में कभी भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाई है। वर्ष 2008 में बसपा से निष्कासित होने के बाद रमाकांत यादव बीजेपी में शामिल हुए लेकिन उन्हें भी 2008 के उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2009 के आम चुनाव में रमाकांत ने पहली बार आजमगढ़ में बीजेपी का खाता खोला। फिर वे वर्ष 2014 में मोदी लहर के बाद भी मुलायम सिंह से हार गए। वर्ष 2016 में रमाकांत ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ बयानबाजी शुरू की और वर्ष 2017 में जब योगी आदित्यनाथ यूपी के सीए बने तो रमाकांत यादव उनके खिलाफ भी मोर्चा खोल दिये। जबकि रमाकांत को बीजेपी में लाने का श्रेय योगी को ही जाता है।
अपनी बयानबाजियों के चलते ही रमाकांत यादव बीजेपी में हासिए पर चले गए। बात उस समय और बढ़ गयी जब डीएम ने रमाकांत के अवैध खनन पर रोक लगा दी। इन सब के बाद भी बीजेपी रमाकांत को ही वर्ष 2019 का चुनाव लड़ाना चाहती है कारण कि पार्टी के पास यहां विकल्प सीमित हैं और रमाकांत जैसा दमदार प्रत्याशी ढूंढ़ना उसके लिए आसान नहीं है।
इसी बीच गुरूवार को रमाकांत के समर्थक मनोज यादव ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि रमाकांत यादव लोकसभा चुनाव 2019 में सपा के प्रत्याशी हो सकते है। इस पोस्ट के बाद सियासी हलचल काफी तेज हो गयी। कारण कि पूर्व में रमाकांत यादव सपा नेता अबू आसिम आजमी, प्रो. रामगोपाल यादव व अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके है। खुद अबू आसिम ने स्वीकार किया था कि उनकी वापसी सपा में हो सकती है। अब इस पोस्ट के बाद बाहुबली काफी चर्चा में है। कारण कि पूर्व में भी वे कई पार्टिया बदल चुके है। वर्तमान में बीजेपी नेताओं से उनके संबंध भी ठीक नहीं है। दूसरे सपा को भी रमाकांत से खतरा दिख रहा है। कारण कि रमाकांत ने मुलायम सिंह को कड़ी टक्कर दिया था। अगर वे बीजेपी से मैदान में आते है तो अखिलेश के लिए भी मुश्किल पैदा कर सकते है।
BY- Ranvijay Singh