बता दें कि आजमगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए सपा ने पदमाकर लाल वर्मा को, बसपा ने सुधीर सिंह पपलू, कांग्रेस ने रमेश चंद्र शार्मा और आप ने तेज बहादुर यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा से संगीता तिवारी, चंद्रशेखर सिंह, मेनका श्रीवास्तव, संत प्रसाद अंग्रवाल, तत्कालीन नगर पालिका चेयरमैन इंदिरा जायसवाल और अजय सिंह टिकट की दावेदारी कर रहे थे। इसमें संगीता प्रदेश अध्यक्ष की रिश्तेदार थी तो संत प्रसाद पार्टी के पुराने कार्यकर्ता के साथ ही व्यवसायी थे। इसलिए इनका दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था। हाल के दिनों में चंद्रेशखर को भी प्रबल दावेदारों में गिना जाने लगा था लेकिन जब टिकट की घोषणा हुई तो सभी के होस उड़ गए।
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निकाय चुनावः भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर मैदान में उतरी आप और भारद
पार्टी ने सारी अटकलों को दरकिनार कर अजय सिंह को आजमगढ़ सीट से उम्मीदवार बना दिया। अजय सिंह पार्टी पदाधिकारी होने के साथ ही नगर पालिका के बड़े ठेकेदार भी हैं। हाल के समय में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर वे विवादों में भी घिरे रहे। वहीं मुबारकपुर में पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह भारी पड़े। यशवंत सिंह को सपा ने एमएलसी बनाया था। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद यशवंत ने अपनी सीट योगी के लिए छोड़ दी थी। पार्टी ने भी उनके बलिदान का मान रखा और उनके करीबी प्रेमचंद आजमी की पत्नी पूनम को मैदान में उतारा। यह भी पढ़ें
निकाय चुनाव: जातीय समीकरण में दब गया विकास का मुद्दा, ध्रुवीकरण से कुर्सी हासिल करने की कोशिश
विधानसभा की तरह इस चुनाव में भी पार्टी ने जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। सरायमीर नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए प्रभा देवी, मेहनगर में रणवीर सिंह , लालगंज में विजय कुमार सोनकर, निजामाबाद में साधना गौड़, अजमगढ़ में राधेश्याम कन्नौजिया, अतरौलिया में दिनेश कुमार, बिलरियागंज में सुनील गुप्ता, जीयनपुर में ताराचंद जायसवाल, महराजगंज में गीता देवी तथा माहुल में सुबेदार प्रजापति को प्रत्याशी बनाया गया है। by Ran Vijay Singh