उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि 182 देशों में कोरोना का प्रकोप फैला हुआ है। पूरे विश्व में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को एक महामारी घोषित कर दिया है। देश और प्रदेश की सरकारें इस महामारी से निपटने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व सांसद रमाकांत यादव इस महामारी से लोगों को बचने व जागरूक करने की बजाय राजनीति कर रहे हैं। इस कठिन परिस्थिति में भी मात्र सस्ता प्रचार पाने के लिए वे मानवता के साथ अपराध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर उनके इस बयान के कारण लोग लापरवाही बरतते हैं और करोना के शिकार हो जाते हैं तो क्या वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे। दरअसल रमाकांत यादव स्वयं एक प्रकार के पॉलीटिकल कोरोना है। उनका संक्रमण इस देश व समाज के लिए घातक है। इसीलिए जनता ने उनको आइसोलेशन में डाल दिया है। इन्हीं के जैसे समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं के कारण आज समाजवादी पार्टी भी उत्तर प्रदेश की राजनीति से आइसोलेट हो चुकी है। रमाकांत यादव का राजनीतिक जीवन अब अवसान की तरफ है। इसलिए उनके भीतर चर्चा में आने की एक अजीब सी छटपटाहट दिखती है, जो इस तरह लापरवाही भरे वक्तव्य के रूप में नजर आ रही है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी आपत्तिजनक बयान दिया है। प्रशासन को चाहिए कि प्रधानमंत्री के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने व कोरोना महामारी के संबंध में लोगों को गुमराह करने और अफवाह फैलाने के आरोप में पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर तुरंत जेल भेजे।