बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ चंद महीनें बचे है। पिछले चुनाव में पूर्वांचल मंें विपक्ष को करारी मात देने वाली भाजपा इस बार और भी ताकत के साथ मैदान में उतरना चाहती है। पार्टी की नजर आजमगढ़ उन नौ विधानसभा सीटों पर भी है जहां उसे पिछली बार करारी हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी आजमगढ़ में एक सीट जीतने में सफल हुई थी। वर्ष 1996 के बाद यह बीजेपी की आजमगढ़ में पहली जीत थी। वहीं पहली बार पार्टी चार विधानसभा सीटों पर पहली बार रनर रही थी।
नजदीकी अंतर से हारने वाली इन सीटों को बीजेपी किसी भी कीमत पर जीतना जाहती है। पार्टी ने अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए पन्ना प्रमुखों को बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया है। इससे बीजेपी की ताकत बूथों पर बढ़ी है। कारण कि हर बूथ पर मतदाता सूची में आठ से 10 पन्ना है। यानि की हर बूथ पर बीजेपी ने कम से कम आठ कार्यकर्ता तैयार कर लिए हैं। पन्ना प्रमुख सौ प्रतिशत मतदान के लिए डोर टू डोर तथा मैन टू मैन लोगों को पार्टी से जोडऩे का काम कर रहे हैं।
विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल की सबसे मजबूत बूथ संरचना की सबसे मजबूत कड़ी पन्ना प्रमुख सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी 15 अक्टूबर तक अति सक्रिय रहेंगे। जिलाध्यक्ष लालगंज ऋषिकांत राय ने बताया कि बूथ जीता-चुनाव जीता के मंत्र पर पन्ना प्रमुख काम कर रहे हैं। मतदाताओं से सीधे संपर्क कर संगठन की रीति नीति व मोदी-योगी सरकार द्वारा जनहित में किए गए कार्यों व योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भाजपा की सबसे मजबूत ईकाई पन्ना प्रमुख पार्टी की विजय का आधार बनेंगे। वहीं हम 15 अक्टूबर के बाद पूरे जिले में मंडल स्तर पर पन्ना प्रमुखों का सम्मेेलन करने जा रहे है। इसके पन्ना प्रमुखों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पन्ना प्रमुख ही आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीत का आधार बनेंगे।