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भाजपा विधायक की सफाई, कहा- जमीन पर कब्जा करने नहीं विवाद को समझने मौके पर गया था

locationआजमगढ़Published: Jan 24, 2020 01:41:29 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

तहसीलदार के साथ बैठक कर दोनों पक्षों को सुन हो रहा विवाद सुलझाने का प्रयास

Arunkant yadav

अरूणकांत यादव

आजमगढ़. अवैध रूप से सरकारी भूमि पर कब्जे के विवाद में घिरेे बाहुबली रमाकांत यादव के पुत्र व भाजपा विधायक अरूणकांत यादव ने यू-टर्न ले लिया है। अरूणकांत ने दावा किया कि वे भूमि पर कब्जा कराने नहीं बल्कि दो पक्षों के विवादों को समझने के लिए गए थे। कारण कि इस संबंध में उनसे शिकायत की गयी थी। शिकायत किसने की थी यह विधायक ने नहीं बताया। चुंकि मामला सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा था इसलिए प्रशासन भी मामले में उनकी संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया।
खास बात यह है कि अब तक कब्जा करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं हुई और ना ही अधिकारी यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि अगर विधायक नही ंतो कब्जा कौन कर रहा था।
बता दें कि फूलपुर कोतवाली से बमुश्किल 500 मीटर की दूरी पर मिजवां रोड पर गाटा संख्या 481 में वर्षो से स्थित विद्यालय के भवन को ध्वस्त कर भूमि पर कब्जे का प्रयास हुआ था। इस दौरान फूलपुर विधायक अरूणकांत यादव भी मौके पर मौजूद थे। खास बात है कि भवन की दीवार बुधवार को रात के अंधेरे में जेसीबी से गिरायी गयी और मलवा गुरूवार की सुबह हटाया जा रहा था। इस पूरे घटना क्रम के दौरान विधायक वहां मौजूद थे।

जिस भूमि पर कब्जे का प्रयास हुआ वह विवादित है और दो लोग मुकदमा लड़ रहे हैं। उसपर स्थगन आदेश भी है। इसके बाद भी कब्जे की कोशिश की गयी लेकिन मामला सत्ताधारी दल का था इसलिए प्रशासन ने भी त्वरित कार्रवाई नहीं की। गुरूवार की सुबह जब मुकदमा लड़ रहे लोगों ने एसपी से शिकायत की तब कहीं जा कर मलवा हटाने का काम रोका गया। वहीं अधिकारी शुरू से ही मामले की लीपापोती करते नजर आये। पहले अधिकारियों ने कहा कि विधायक मौके पर मौजूद थे लेकिन कब्जा दूसरे कर रहे थे। बाद में जब विधायक के साथ बंद कमरें में वार्ता हुई तो अधिकारी यह कहते नजर आये कि विधायक से इसका कोई लेना देना नहीं है।

जबकि खुद विधायक ने खुद तहसील में स्वीकार किया कि वे मौके पर मौजूद थे। हां उन्होंने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी इसलिए वे हकीकत देखने के लिए मौके पर गए थे। भूमि पर कब्जा आदि से उनका कोई लेना देना नहीं है। वे दोनों पक्षों से हकीकत जानना जाहते थे। यहीं कारण है कि मौके पर गए और फिर तहसीलदार की मौजूदगी में दोनों पक्षों से बात कर समस्या जानी। यह अलग बात है कि मुकदमा लड़ रहे लोगों ने विधायक की बातों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका दावा है कि विधायक की नजर इस भूमि पर लंबे समय से थी। इसलिए वे अपने लोगों से कब्जा करा रहे थे। बहरहाल मौके पर फोर्स तैनात है और अधिकारी कार्रवाई के बजाय लीपापोती में जुटे हैं।
BY- RANVIJAY SINGH

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