बता दें कि बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के बड़े भाई विजय लाल यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। सपा सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया था। वर्तमान में वे समाजवादी पार्टी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय लाल के भाई निरहुआ को अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतारा था। उस समय विजय पूरी ताकत से सपा के साथ खड़े हुए थे।
आजमगढ़ संसदीय सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने निरहुआ को मैदान में उतारा था जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था। विजय लाल यादव ने इस चुनाव में भी धर्मेंद्र यादव का प्रचार किया। वह कई मंचों पर धर्मेंद्र के साथ दिखे लेकिन उनकी सक्रियता वर्ष 2019 के चुनाव जैसी नहीं थी। चुनाव में दिनेश लाल यादव निरहुआ कोे जीत मिली। धर्मेंद्र यादव दूसरे स्थान पर रहे। भाई की जीत के बाद विजय लाल ने भाई को बधाई दी तो बखेड़ा खड़ा हो गया।
निवर्तमान जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने प्रदेश अध्यक्ष के लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि विजय लाल यादव पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। विजय लाल निरहुआ के पूजा व अन्य कार्यक्रमों में शामिल होकर उसे जीत की बधाई दिये। वे बीजेपी सांसद के कार्यक्रम में शामिल होेकर पार्टी की छबि को कलंकित कर रहे हैं। ऐसे में विजय लाल यादव का निष्कासन पार्टी के हित में है। इसलिए उनके निष्कासन की अनुमति प्रदान की जाय।