बता दें कि परिषदीय स्कूलों का नया सत्र अप्रैल से शुरू हो गया है लेकिन दो माह बाद भी अब तक बच्चों को पुस्तकें नहीं मिली हैं। बच्चे बिना किताब के ही स्कूल जा रहे हैं। कुछ बच्चों के पास पुरानी पुस्तकें है जिससे उनका काम चल जा रहा है लेकिन बाकी के बच्चे पढ़ाई के नाम पर सिर्फ मिड-डे-मील के लिए विद्यालय पहुंच रहे हैं। बच्चे किताब न होने से स्कूलों में पहुंचकर खेल कर घर लौट जा रहे हैं। बच्चों को पुस्तक न मिलने से अभिभावक भी परेशान हैं।
जिले के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 03 लाख 6 हजार 482 तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 01 लाख 4 हजार 592 बच्चे अध्ययनरत हैं। इन बच्चों में निःशुल्क पुस्तक वितरण के लिए विभिन्न विषयों की कुल 84 लाख 85 हजार 976 पुस्तकें शासन से आनी हैं। जिसमें से सोमवार को एक ट्रक से पहली खेप में कक्षा तीन की पंखुड़ी, संस्कृत, पीयूषम व हमारा परिवेश की कुल 25 सौ पुस्तकें पहुंच चुकी हैं। इन पुस्तकों को जूनियर हाईस्कूल जाफरपुर रखा गया है। शीघ्र ही पुस्तकें बीआरसी के माध्यम से विद्यालयों पर पहुंचेगी। इसके बाद बच्चों में पुस्तकें वितरित की जाएंगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में निःशुल्क पुस्तक वितरण के लिए पुस्तके आनी शुरू हो गई हैं। पहली खेप में कुल 25 सौ पुस्तकें आईं हैं। पुस्तकों के सत्यापन का काम जारी है। सत्यापन के बाद इन्हें बीआरसी भेजा जाएगा। फिर वहां से पुस्तकें स्कूल पर भेजकर वितरित करायी जाएगी। हमें उम्मीद है कि जुलाई माह में ही सारी पुस्तकें आ जाएंगी और इनका वितरण भी करा दिया जाएगा। ताकि पठन पाठन में किसी तरह की दिक्कत न हो।