कांट्रिब्यूशन के रुप में बीएसएनएल मैनेजमेंट द्वारा अधिक भुगतान की गई राशि के रुप में बहुत बड़ी राशि बीएसएनएल को वापस की जानी है। यूनियन को मालूम है कि डाट और बीएसएनएल को देय अन्य कुछ पेमेन्ट की तिथि निकट है। सरकार की गलत नीतियों के चलते बीएसएनएल मैनेजमेंट एक बार पुनः अपने कर्मचारियों को अगस्त 2019 का वेतन भुगतान करने में विफल रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां तक कि जिम्मेदार यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि वेतन का भुगतान आखिर कब तक होगा। यह तीसरा मौका है जब बीएसएनएल मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान नहीं कर पा रहा है। जिसको लेकर देशव्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है। आगे आनंद सिंह ने आरोप लगाया कि बीएसएनएल जिस नकदी की कमी से जूझ रहा है। वह राजस्व में आई भारी गिरावट की वजह से है और यह गिरावट रिलायन्स जियों द्वारा अपनाई गई लागत से कम मूल्य का नतीजा है। उपर्युक्त कारणों से बी.एस.एन.एल. को राजस्व संग्रह 32000 करोड़ से गिर कर 18000 करोड़ हो गया है। सरकार द्वारा रिलायन्स जियों द्वारा लागू प्रीडेटरी प्राइसिंग पर रोक के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए है और न ही दूरसंचार उद्योग को गंभीर संकट से उबारने के लिए।
पंचानन राय ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में बीएसएनएलईयू एक बार पुनः मांग करती है कि भारत सरकार व बीएसएनएल मैनेजमेंट बीएसएनएल को शीघ्र साफ्ट लोन देने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें साथ ही कर्मचारियों को अगस्त माह का त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डाट और बीएसएनएल मैनेजमेंट सार्थक कार्यवाही करें। धरने में प्रमुख रुप से पंचानन्द राय, आर. के. यादव, महेश कुमार, प्रशान्त यादव, यशवन्त सोनकर, प्रतिमा सिंह, नीलम, राजपति देवी, किसमती देवी, राजा राम, श्याम नारायण यादव, अशोक यादव, एस. पी. पाण्डेय, यू. के. सिहं, संतोष सिंह, सुनील उपाध्याय, सुनील सिंह, देवेश, आदि लोग उपस्थित रहे।