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आजमगढ़

नहीं बंद हो रहा पीएम आवास के नाम पर ठगी का खेल

बेबस नजर आ रहे अधिकारी, गरीबों का हो रहा उत्पीड़न

आजमगढ़Jan 19, 2020 / 06:46 pm

Ashish Shukla

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बेबस नजर आ रहे अधिकारी, गरीबों का हो रहा उत्पीड़न

आजमगढ़. प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर पिछले दिनों घुसखोरी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर आवास के नाम पर धन उगाही का खेल शुरू हो गया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब माहुल नगरपंचायत के वार्ड नं. दो की रीता, वार्ड नं. चार के विध्याचल सहित कई लोग चेयरमैन बदरे आलम से मिले और फोटो खींचने के साथ एक-एक हजार रुपये सुविधा शुल्क मांगने की शिकायत की।
वर्ष 2014 में शासन द्वारा माहुल नगर पंचायत के 11 वार्डो में लगभग 1100 आवास स्वीकृत हैं जिनमें से करीब 800 आवास या तो निर्मित हो चुके हैं या फिर अंतिम चरण में हैं। विभिन्न वार्डों में कुछ ऐसे भी लाभार्थी हैं जिन्होंने प्रथम किस्त का 50 हजार रुपये प्राप्त करने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। ऐसे लोगों को कार्यदायी संस्था डूडा द्वारा नोटिस दिया जा चुका है।
स्वीकृत 1100 आवासों में से जो अब तक शेष हैं उनका स्वीकृत डीपीआर लंबित है और जियो टैगिग पर विभाग द्वारा रोक लगी हुई है। इस बीच तीन दिनों से विभिन्न वार्डों में डूडा के कर्मचारी बताकर कुछ लोग जा रहे हैं और डाइरेक्ट आवास देने के नाम पर लोगों की फोटो खींचकर कह रहे हैं कि आप के खाते में आवास की प्रथम किस्त 15 दिनों में आ जाएगी। इस कार्य में कुछ स्थानीय लोग भी सक्रिय हैं।
इस संबंध में परियोजना अधिकारी डूडा अरविद पांडेय का कहना है कि डाइरेक्ट आवास देने की कोई योजना नहीं है और न ही हमने माहुल में कोई लिखित या मौखिक आदेश ही दे रखा है। हां, जिन लोगों ने आवास का पैसा प्राप्त कर निर्माण नहीं किया है उनको नोटिस दिया गया है, जल्द ही रिकवरी की जाएगी। बाकी निर्मित आवास की तीसरी किस्त और निर्माणाधीन आवास की दूसरी किस्त का धन लाभार्थियों के खाते में भेजा जा रहा।
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