बता दें कि आजमगढ़ में मिशनरी की खरबों रूपये की संपत्ति है। बेस्ली इंटर कालेज और आसपास का क्षेत्र कभी मिशनरी की संपत्ति हुआ करती थी। आज इंटर कालेज तो है लेकिन तमाम संपत्ति को बेच दिया गया। स्थानीय ईसाइयों के अधिवक्ता आनंद सिंह के मुताबिक खतौनी में नाम किसी और का है और बैनामा या पट्टा किसी और ने कर दिया है। बेस्ली के आसपास पूरी मार्केट खड़ी कर दी गयी है। सारी भूमि चर्च आफ नार्थ इंडिया ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर फर्जी ढंग से बेचवाया है। जबकि सारी भूमि मैथोडिस्ट मिशनरी सोसाइटी के नाम से खतौनी में दर्ज है।
नरौली के पास की भूमि पादरी शाह के नाम आज भी खतौनी में दर्ज है लेकिन सीएनआई ने खुद को मालिक बताकर तमाम भूमि को बेच दिया है। उक्त भूमि पर बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी हो गयी है। सीएनआई इलाहाबाद के लोग किसी को अपना प्रापर्टी एथार्टी न्युक्त कर देते है और वे चोरी छिपे भूमि का बैनामा कर देते हैं। मैथोडिस्ट मिशनरी व स्थानीय ईसाई सदस्यों द्वारा आज तक एक इंच भूमि नहीं बेची गयी है।
सीएनआई के पादरी ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर कालेज अस्पताल सब पर अपना कब्जा कर मनमानी करा रहे है। अब पादरी को भी हटाकर चर्च पर कब्जा का प्रयास हो रहा है। संख्या में कम होने के कारण स्थानीय ईसाई विरोध नहीं कर पाते। कारण कि ऐसी जमीन ज्यादातर दबंग या उंची पहुंच वाले खरीदते है। पादरी को हटाने का प्रयास शुरू होने के बाद लोग मुखर हुए है और अब अवैध कब्जों को हटाने के लिए लड़ाई शुरू कर दिये है।
By Ran Vijay Singh