बता दें कि साख बचाने की कवायद में आजमगढ़ नगरपालिका सीट को भाजपा, सपा और बसपा ने नाक का सवाल बना लिया है। किसी भी पार्टी में बगावत और भीतरघात थमने का नाम नहीं ले रही है। चुनाव जीतने के साम, दाम, दंड, भेद का भी खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन तीनों दल में कोई इस हालत में नहीं है जो जीत का दावा कर सके। राजनीति के जानकारों का मानना है कि यहां सभी दल निर्दलियों के आगे बेबस हो गये है।
चुंकि नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी बीजेपी के पास है इसलिए बीजेपी हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। यहीं वजह है कि पार्टी सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा 16 नवबंर को करा रही है। सीएम के आने का असर जनता पर पड़े या न पड़े लेकिन अधिकारियों पर साफ दिख रहा है।
कार्यक्रम तय होने के बाद से ही पीडब्ल्युडी से लेकर नगरपालिका तक के अधिकारी कमर्चारी मैदान में है। सिविल लाइन से लेकिन नेहरू हाल, अग्रसेन चौराहे से मातबरगंज तक सफाई का कार्य जारी ही। स्थानीय लोगों पर विस्वास करते तो ऐसी सफाई आठ साल पहले गिरीश चंद श्रीवास्तव के कार्यकाल में हुई थी। उसके बार नालियां जाम ही रही। वहीं दूसरी तरफ अग्रसेन चौराहे से जीजीआईसी होते हुए डीएवी तक सड़क का निर्माण मिक्सर प्लांट से शुरू कर दिया गया है। सड़कों की धूल भी अधिकारी अपनी देखरेख में साफ की जा रही है।
जिस सड़क का निमार्ण योगी के कार्यक्रम के कारण हो रहा है वह पिछले पांच साल से टूटी थी। लगातार इस सड़क के मरम्मत की मांग चल रही थी लेकिन आज तक पूरी नहीं हुई। हजारों छात्राएं और फरियादी इसी सड़क से गुजरते थे और दुर्घटना का शिकार होते थे। आज एक वीआईपी के लिए इसका कायाकल्प किया जा रहा है।