भाकपा जिला मंत्री श्रीकान्त सिंह ने कहा कि वर्तमान प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार की मौन सहमति एवं चुप्पी के बीच देश में महापुरूषों की प्रतिमाएं तोड़ने का कार्य अराजकतत्वों द्वारा किया जा रहा है। इससे देश में शान्ति एवं सद्भाव को खतरा पैदा हो गया है। प्रतिमाएं तोड़ने की घटनाओें पर देश के प्रधानमंत्री मोदी एवं प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की चुप्पी काफी संदेह पैदा कर रही । साफ जाहिर होता है कि ये घटनाएं सरकारों की सरपरस्ती में हो रही है।
किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तेयाज बेग ने कहा कि प्रदेश एवं देश में कानून व्यवस्था ठप हो चुकी है। किसानों का जहां भारी शोषण हो रहा है, वहीं उनके उपज का लाभकारी मूल्य देने एवं उनकी आमदनी दुगुनी करने की घोषणाएं करने वाली प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार पीछे हट गयी है। गत लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था यह किसानों के साथ भारी धोखा है।
भाकपा राज्य कौंसिल के सदस्य कामरेड रामहर्ष यादव ने कहा कि वर्तमान प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार फांसीवादी रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ा रही है जिससे देश की गंगा-जमुनी तहजीब तो नष्ट हो ही रही है, देश के संविधान पर समाप्त होने का खतरा पैदा हो गया है। प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार मनुवादी संविधान को लागू करके जनता के बोलने के अधिकार को ही छीनने पर आमादा है।
धरने को पूर्व जिलामंत्री रामाज्ञा यादव, खरपत्तू राजभर, जिलाध्यक्ष खेत मजदूर यूनियन, कामरेड हामिद, कामरेड बसीर, कामरेड श्यामा प्रसाद शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया। अध्यक्षता कामरेड कमला राय व संचालन रामचन्दर पटेल ने किया। इस मौके पर मखड़ू, रामनेत, कामरेड गीता, रामचन्दर पटेल, रामचन्दर यादव, ध्यान सिंह चैहान, गुलाब मौर्य, त्रिलोकी आदि उपस्थित थे।