बता दें कि पूर्वांचल में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम और यादव मतों को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस ने बाहुबली रमाकांत यादव को पार्टी में शामिल कर भदोही से चुनाव लड़ाया था लेकिन वह भी कोई करिश्मा नहीं कर सके। यहां तक कि बाहुबली की जमानत भी जब्त हो गयी। वर्ष 1984 के बाद कांग्रेस आजमगढ़ में कोई चुनाव नहीं जीती है। जबकि मऊ में कल्पनाथ राय के निधन के बाद पार्टी का खाता नहीं खुला है। बलिया में भी हाल इन जिलों से अलग नहीं है।
प्रियंका को पूर्वी यूपी का प्रभार मिलने के बाद पूर्वांचल के कांग्रेसी उत्साहित है और उन्हें भरोसा है कि प्रियंका एक बार फिर यूपी में कांग्रेस को खड़ी करने में सफल होगी। यही वजह है कि जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने पूरे देश में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया तो कांग्रेसी पूरी ताकत से मैदान में कूद पड़े। केवल आजमगढ़ में 4130 बच्चों को परीक्षा में शामिल कराया। करीब इतने ही बच्चे मऊ और बलिया मिलाकर दोनों जनपदों से शामिल हुए।
अब उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का काम चल रहा है। माना जा रहा है कि दशहरे से पूर्व परीक्षा परिणाम की घोषणा होगी। इस परीक्षा में जो बच्चे उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा। साथ ही जो बच्चे सफल नहीं होंगे उन्हें भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करने की योजना है। जो प्रमाण पत्र दिया जायेगा उसपर गांधी परिवार के सदस्यों की फोटो तो होगी ही साथ ही प्रियंका वाड्रा के हस्ताक्षर भी होंगे। प्रमाण पत्र देने के बहाने कांग्रेस घर घर तक पहुंचेगी और गांधी परिवार के बलिदानों को लोगों को बतायेगी और लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेगी।
पार्टी के पूर्व पीसीसी सदस्य मुन्नू यादव का कहना है कि उक्त योजनाओं पर काम चल रहा है, अभी तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है। लेकिन कांग्रेस हर घर तक पहुंचने का प्लान बना रही है। संगठन को मजबूत कर पार्टी पूरी ताकत के साथ 2022 में मैदान में उतरेगी।
BY- RANVIJAY SINGH